Page 4 - Mann Ki Baat Hindi
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        मेरे प्ारे दशिामसयो, नमस्ार


                                            ै
                                                             ै
                                                       े

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        नए विषयों क साथ, नए प्रक उदाहरणों   ह,  ियो  बहुत  इन्ट्स्ट िं ग  ह।  उन्ोंने  लिखा
                                            ै
                                                                      े
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        क साथ, नए-नए सदशों कयो समेटते हुए,   ह  वक  िह  बरसों  से  न्ूज़  चैनि  दखत  े
                       ां
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                                            ैं
                                                          ैं
        एक  बार  दफर  मैं  आरसे  ‘मन  की  बात’   ह,  अख़बार  रढ़ते  ह,  सयोशि  म्रीठिया  स  े
                                                   े
                                                      ैं
                                                                 ें
        करने आया ह।                        भ्री कनेक्ि ह, इसलिए उन् िगता था
                  ूँ
                                           वक उनकी जनरि नॉिज काफी अच््री
                                                             े
               ैं
        जानते  ह  इस  बार  मुझे  सबसे  ज़ादा
                                                 े
                                                                   ां
                                           हयोग्री,  िवकन  जब  िे  र्रीएम  सग्रहािय
        गचठठिया और सदश वकस विषय कयो िकर
                   ां
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                                           गए तयो उन् बहुत हरान्री हुई, उन् महसूस
                                                                   ें
                                                   ें
                            ै
              ैं
        लमि्री  ह?  ये  विषय  ऐसा  ह  जयो  इवतहास,
                                                               े
                                           हुआ वक िे अरने दश और दश का नेतृत्व
                                                         े
        ित्पमान  और  भविष्य  त्रीनों  से  जुड़ा  हुआ
                                                                  ु
                                                     े
                                           करने िािों क बारे में काफी कछ जानत  े
                                   े
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                        ूँ
        ह। मैं बात कर रहा ह दश कयो लमि नए
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                                           ह्री  नहीं  ह।  उन्ोंने  र्रीएम  सांग्रहािय  की
                                                  ैं
        प्धानमत््री  सग्रहािय  की।  इस  14  अप्ैि
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                                                         े
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                                           कछ ऐस्री च्रीज़ों क बारे में लिखा ह, जयो
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                    े
        कयो  बाबा  साहब  अम्ेिकर  की  जन्म
                                           उनकी  णजज्ासा  कयो  और  बढ़ाने  िाि्री
                             ां
                        ां
        जयन््री  रर  प्धानमत््री  सग्रहािय  का
                                                     ें
                                           थ्री,  जैसे,  उन्  िाि  बहादुर  शास्त्री  ज्री
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        ियोकार्पण हुआ ह।
                                           का  ियो  चरखा  दखकर  बहुत  खुश्री  हुई,
                                                        े
        इसे,  दश  क  नागठरकों  क  लिए  खयोि   जयो उन् ससुराि से उरहार में लमिा था।
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                                                 ें
        ददया गया ह। एक श्योता ह श््रीमान साथक   उन्ोंने शास्त्री ज्री की रासबुक भ्री दख्री
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                                   ैं
        ज्री,  साथक  ज्री  गुरुग्राम  में  रहते  ह  और   और यह भ्री दखा वक उनक रास वकतन्री
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                                                     े
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        रहिा  मरौका  लमिते  ह्री  िह  प्धानमत््री   कम  बचत  थ्री।  साथक  ज्री  ने  लिखा  है
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                                                           ्प
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        सग्रहािय  दख  आए  ह।  साथक  ज्री  न  े  वक उन् ये भ्री नहीं रता था वक मयोरारज्री
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        NaMo  App  रर  जयो  सदश  मुझे  लिखा   भाई  दसाई  स्वतांत्ता  सांग्राम  में  शालमि
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               नमस्कार
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