Page 8 - Mann Ki Baat Hindi
P. 8
ै
े
मेरे प्यारे दशवयासियो, सालथययो, कयोई सयोच सकता ह वक ददल््री ह, ै
ै
ै
ूँ
मेट्यो णसट्री ह, िहा ये सब हयोना आसान ह।
आर अरने ज्रीिन में बहुत से सकल्प ित े
े
ां
ै
े
िवकन अब ऐसा नहीं ह वक यूर्रीआई का
े
ें
होंगे, उन् रूरा करने क लिए रठरश्म भ्री
ये प्सार किि ददल््री जैसे बड़ शहरों तक
े
े
करते होंगे। सालथययो, िवकन हाि ह्री में,
े
ै
ह्री स्रीलमत ह। एक मैसेज मुझे गाणज़याबाद
ां
े
मुझे ऐसे सकल्प क बारे में रता चिा, जयो
से आनददता वत्राठ्री का भ्री लमिा ह।
ां
ै
िाकई बहुत अिग था, बहुत अनयोखा था।
आनददता वरछि सप्ाह अरने रवत क
े
े
ां
इसलिए मैंने सयोचा वक इसे ‘मन की बात’
साथ नॉथ्पई्ट घूमने गई थीं। उन्ोंने
ां
क श्योताओां से ज़रूर शेयर करू।
े
असम से िकर मेघािय और अरुणाचि
े
ैं
सालथययो, क्ा आर सयोच सकते ह वक प्दश क तिाग तक की अरन्री यात्ा
े
े
ां
कयोई अरने घर से यह सांकल्प िकर का अनुभि मुझे बताया। आरकयो भ्री ये
े
े
लनकि वक िह आज ददन भर, रूरा शहर जानकर सुखद हरान्री हयोग्री वक कई ददन
ै
े
घूमेगा और एक भ्री रैसे का िन-दन की इस यात्ा में दूर-दराज इिाकों में भ्री
े
ै
ें
ै
कश में नहीं करेगा, नगद में नहीं करेगा- उन् कश लनकािने की ज़रूरत ह्री नहीं
ां
े
ह ना यह ददिचस्प सकल्प। ददल््री की रड़्री। मजन जरहों पर कछ साल पहल िक
ै
भु
ं
दयो बठटयाूँ, सागठरका और प्ेक्षा ने ऐस े इटरनेट की अच्री सभुक्िधा भरी नहीं ररी,
े
े
े
े
ह्री कशिस ि आउट का एक्सरठरमेंट िहाँ भरी अब यूपरीआई से पेमेंट की सभुक्िधा
ै
ै
वकया। सागठरका और प्ेक्षा ददल््री म ें मौजूद ह। सारडरका, प्रेक्ा और आनंददिा
भु
े
े
ूँ
जहा भ्री गईं, उन् ठिणजटि रेमेंट की क अनभिों को दखिे हुए मैं आपसे भरी
ें
ँ
ै
े
े
ू
ू
सुविधा उरिब्ध हयो गई। यर्रीआई क्आर आग्रह करूरा क्क कशलस ि आउट का
े
े
ें
ै
कयोि की िजह से उन् कश लनकािन े एक्सपेडरमेंट करक दखें, ज़रुर करें|
की ज़रूरत ह्री नहीं रड़्री। यहा तक वक सानरयो, वरछि कछ सािों में BHIM
ूँ
े
ु
स्ट््रीट फि और रेहड़्री-रटर्री की दुकानों UPI तज़्री से हमार्री इकॉनम्री और आदतों
ू
े
रर भ्री ज़ादातर जगह उन् ऑनिाइन का ठहस्ा बन गया ह। अब तयो छयोट-
ें
े
ै
े
ट्ाज़क्शन की सुविधा लमि्री। छयोट शहरों में और ज़ादातर गाूँिों में भ्री
ां
े
5