Page 12 - Mann Ki Baat - Hindi May 2022
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कदारनाथ में पिा-अिना करते प्रधानमंत्ी
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स्वच्छता और सेिा कती साधिा में िगे हुए तैयार कर फदया ि। सानथयो, ऐसे िी िोगों
ि। रूद्र प्याग क रििे िाि श्ीमाि मिोज क प्यासों से दि भूनम और तीथषों कती िो
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बैंजिािजी से भी आपको बहुत प्रणा दिीय अिुभूवत बिी हुई ि, रजसे अिुभि
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नमिगी। मिोजजी िे वपछि पच्ीस िरषों करिे क निए िम ििा जाते ि, इस दित्व
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से पयान्सिरण कती दख-रेख का बीड़ा उठा और आध्ास्त्मकता को बिाए रखिे कती
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रखा ि। िे स्वच्छता कती मुहिम चिािे क रज़ म्दारी िमारी भी तो ि। अभी िमारे
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साथ िी पवित् स्िों को प्ाब्स्क मुक् दश में ‘चारधाम यात्ा’ क साथ-साथ आिे
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करिे में भी जुर रिते ि। ििीं गुप्तकाशी िाि समय में ‘अमरिाथ यात्ा’, ‘पंढरपुर
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में रििे िाि - सुरेंद्र बगिाड़ीजी िे भी यात्ा’ और ‘जगन्नाथ यात्ा’ जैसे कई
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स्वच्छता को अपिा जीििमंत् बिा निया यात्ाए िोंगी। सािि मास में तो शायद िर
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ि। िे गुप्तकाशी में नियनमत रूप से सफाई गाूँि में कोई-ि-कोई मेिा िगता ि। ै
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कायन्सरिम चिाते ि और मुझे पता चिा ि ै सानथयो, िम जिाूँ किीं भी जाए, इि तीथ न्स
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वक इस अनभयाि का िाम भी उन्ोंिे ‘मि क्त्ों कती गहरमा बिी रि। शक्चता, साफ-
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कती बात’ रख निया ि। ऐसे िी दिर गाूँि सफाई, एक पवित् िातािरण िमें इसे कभी
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कती चम्पा दिी वपछि तीि साि से अपिे ििीं भििा ि, उसे ज़रूर बिाए रखें और
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गाूँि कती महििाओं को कड़ा प्बंधि, यािी इसीनिए ज़रूरी ि वक िम स्वच्छता क
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– िस् मैिेजमेंर रसखा रिी ि। चम्पाजी संकल्प को याद रखें। कछ फदि बाद िी, 5
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िे सैकड़ों पेड़ भी िगाए ि और उन्ोंिे जि को ‘विश् पयान्सिरण फदिस’ क रूप म ें
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अपिे पहरश्म से एक िरा-भरा िि मिाता ि। पयान्सिरण को िकर िमें अपि े
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