Page 58 - Mann Ki Baat - Hindi May 2022
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मयानसिक और शयारीररक ऊजया की
                                                                 ्ट

                                  ै
          जयादगुई शक्ति ह योग - मीरयाबयाई चयान                          ू


                                           खेिों क निए तैयारी कर रिी थी तो मैंिे
                                                े
                                           दखा  वक  मेरे  िहरष्ठ  खखिाड़ी  योग  कर
                                            े
                                             े
                                           रि  थे।  उन्ोंिे  मुझे  बताया  वक  योग  का
                                                              न्स
                                                   ै
                                           अभ्यास  कसे  िममें  जबदस्त  बदिाि  ि  े
                                                                        ू
                                                ै
                                           आता ि। तब से अब तक, मेरा फदि िय्ट
                                                            े
                                           नमस्ार  और  योग  क  श्ास-प्श्ास  से
                                           जुड़ अभ्यासों से िी शुरू िोता ि। ै
                                             े
                                           योग तथया शक्तिवध्टक प्रसशक्षण क लयाभ
                                                                   े
                                           योग से जो तिाि-मुक्क् और िचीिापि
                                                  ै
                                           नमिता  ि,  िि  मांस-पेरशयों  को  मज़बूत
                                                 े
          “यरोग और शचक्तवध्टक प्रजशक्षण पीनट   बिािे क शक्क्िधन्सक प्रशक्ण का पूरक
                                            ै
                                                                        े
                                                                 ै
          बटर  (मूँगिली  िे  बने  मक्खन)  और   ि। यि एक संतुनित अभ्यास ि जो आपक
                                    ै
               ै
          िेली ििे हैं। एक की कमी हरोती ह, तरो   शरीर,  मि  और  चेतिा  पर  सकारात्मक
                                                      ै
                                                                 े
          दूिरा  नज़र  आता  ह।  दरोनों  का  अपना   प्भाि डािता ि। अगर आप किि ज़ादा
                         ै
                                                                        ै
                                                     ैं
          महत्व ह लपकन अगर दरोनों लमल िाए  ँ  िज़ि उठाते ि तो आपकती शक्क् बढ़ती ि।
                ै
                  े
                                                                    े
                                            े
                                                  े
          तरो पूरी तरह िंतुललत खुराक बन िाती   िवकि किि यिी करिे से आपक शरीर
                                                  े
                                            े
                                                                        ै
           ै
                               ै
          ह और दरोगुना लाभ लमलता ह।“       क िचीिपि पर बुरा असर पड़ सकता ि।
                                            े
                                           िवकि जब आप अपिे नियनमत अभ्यास
             ं
          ओिवपक रजत पदक विजेता मीराबाई
                                           में  योग  तथा  शक्क्िधन्सक  प्रशक्ण  का

               ु
                               ैं
                                    ै
          चािू कछ इस तरि बताती ि वक कसे
                                                            ैं
                                           तािमेि बिाए रखते ि तो आपको दोिों
                                ें
          योग कती प्ाचीि साधिा िे उन् ऊजान्स दी
                                           का िाभ नमिता ि। ै
           ै
                             े
          ि और और खेि में उिक प्दशन्सि को
                                                             ें
                                                         ँ
          बेितर बिाया ि। ै                 प्रयातःकयाल गहरी ियाि ल और छोड़  ें
                                                           े
          ‘विश्ांवत’ (हरिक्शि) और ‘आंतहरक   योग  िमें  रोज़मरान्स  क  तिाि  से  मुक्
                       े
                    ै
                                                 ै
                                                                    ूँ
          शक्क्’  –  जब  भी  मैं  ‘योग’  शब्  को   करता ि और िमारे शरीर को सासों कती
                                                                        ै
                                                े
          सुिती  ह,  मेरे  मि  में  यिी  दो  शब्   िय  क  साथ  चिािे  में  मदद  करता  ि।
                 ूँ
                                                   ू
                  े
          आते  ि।  िवकि  मैं  अपिे  िरनिक्फ्ट ं ग   इसनिए  िय्ट  नमस्ार,  प्राणायाम  तथा
                               े
               ैं
                                                                    े
                                                      े
          (भारोत्तोिि) अभ्यास क शुरू क फदिों   श्ास-प्श्ास  क  अन्य  अभ्यासों  क  साथ
                                  े
                            े
                                                           ै
                                                              े
                े
          में योग क जादुई िाभों से पहरक्चत ििीं   मेरी सुबि शुरू िोती ि। िवकि, मेरे निए
          थी। 2014 में, जब मैं ग्ासगो राष्ट्मंडि   योग  आसिों  और  मुद्राओं  तक  सीनमत
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