Page 55 - Mann Ki Baat - Hindi May 2022
P. 55

ियाधनया और िंस्यार : उत्तरयाखंड क स्वच्छतया कममी
                                                 े
          ‘मन की बात’ िम्रोधन में प्रधानमंत्ी   अपिे क्ेत् को साफ रखिे कती रज़म्दारी
                                                                    े
                            े
                                                            ै
                                                 े
          ने  ऐिे  लरोगों  का  उल्ख  पकया  िरो   नमशि क तौर पर िी ि। िि आम िोगों
          उत्तराखंड करो िाफ़ और हडरत रखने क   को  रशनक्त  करिे  क  निए  नियनमत
                                                           े
                                      े
                           े
                                                                  ैं
                े
                                                                       े
          ललए क़ि प्रयाि कर रह हैं। दूरदश्टन की   स्वच्छता कायन्सरिम भी चिाते ि। उिक
          टीम ने उत्तराखंड क स्वच्छता कलममियों   कायन्सरिम का िाम ‘मि कती बात’ ि, जो
                        े
                                                                     ै
                                                                ै
          िे उनकी पहल पर बात की।           अपिे-आप में रोचक तर् ि। िि किते
                                            ैं
                                           ि, ‘‘अपिे इिाक में मोदीजी क नमशि
                                                       े
                                                                 े
          रुद्रप्याग  क  मनरोज  िैंजिाल,  वपछि  े
                   े
                                           को सफि बिािा मेरी रज़म्दारी ि।’’
                                                                     ै
                                                                े
          25  िरषों  से  अपिे  क्ेत्  में  स्वच्छता
                          ैं
                        े
                                                    े
                                                                     े
          अनभयाि  चिा  रि  ि।  उन्ोंिे  बताया,   इसी  तरि,  दिार  गाूँि  कती  चम्ा  दिरी,
                            ं
          ‘‘मौजूदा समय में, सेिा इररिेशिि क   अपिे गाूँि कती महििाओं को स्वच्छता
                                      े
                                                                       े
                      े
          सियोग  से  मैं  दिार,                        और कचरा प्बंधि क
          संकरी,  भैर्ारी  और                          बारे में जागरूक करिे
                                                         े
                                                                   े
                    े
          गुप्तकाशी  क  चार                            क  निए  वपछि  तीि
          गाूँिों  में  स्वच्छता                       िरषों  से  कड़ी  मेिित
                                                               ैं
          अनभयाि  चिा  रिा                             कर  रिी  ि।  इतिा  िी
           ूँ
          ह।’’  बैंजिाि  धानमसिक                       ििीं,  1984  से  चम्पा
                                                         े
          स्िों  को  प्ाब्स्क                          दिी  अपिे  गाूँि  में
          मुक्  रखिे  कती  फदशा                        पौधारोपण  कर  रिी
                                                        ैं
          में  भी  काम  कर  रि  े                      ि  और  उन्ोंिे  बंजर
                                           भूनम  को  सफितापूिन्सक  िि  में  बदि
          ि  और  िि  सामुदाक्यक  स्तर  पर  भी
           ैं
                                                ै
                                           फदया  ि।  िि  किती  ि,  ‘‘िर  मिीिे  िम
                                                           ैं
                  े
                                  ै
          स्वच्छता  क  प्वत  जागरूकता  फिािे
                                           स्वच्छता और पयान्सिरण को िकर बैठक
                                                                े
          का कायन्स करते ि। ैं
                                                                     ू
                                           करते ि। पिि, विनभन्न स्ािों पर कड़ा
                                                ैं
                                                     े
          बैंजिाि िे बताया वक मैदाि गढ़ी क्ेत्
                                           वबखरा  रिता  था।  अब  िमिे  एक  िरा
          में  विनभन्न  स्ािों  पर  डस्वबि  रखि  े
                                           और  खूबसूरत  ििक्ेत्  बिाया  ि।  िम
                                                                    ै
           े
          क बािजूद, िोग िापरिािी से धानमसिक
                                           जिस्ोतों  को  भी  फफर  से  जीवित  कर
                े
          स्िों क आस-पास कड़ा फककर उन्  ें
                              ें
                          ू
                                           रि  ि।’’  प्धािमंत्ी  द्ारा  ‘मि  कती  बात’
                                               ैं
                                             े
                       े
                                 ैं
                  ैं
          गंदा करते ि। उिक अिुसार, ‘‘मिे अपि  े
                                                                      े
                                           में उिक कायन्स कती प्शंसा पर चम्पा दिी
                                                े
                               ं
                 े
          सानथयों  क  साथ  माताजी  मफदर  कती  3
                                           धन्यिाद दती ि और साथ िी, श्द्धािुओं
                                                      ैं
                                                   े
          वकमी ट्क यात्ा क दौराि कड़ा उठाि  े  से वििती करती ि वक िे धानमसिक स्िों
                               ू
                ै
                        े
                                                        ैं
          का फसिा वकया था।’’               पर गंदगी िा फिाए। ूँ
              ै
                                                      ै
                  े
          उत्तराखंड क एक अन्य व्क्क् रजन्ोंिे
          स्वच्छता  को  अपिे  जीिि  का  मंत्
                                                उत्तऱािंड क स्वच़्ाग्रहहयों
                                                       े
          बिाया  ि,  िि  ि  सुरेंद्र  िगिाडरी।   क ब़ारे िें ज़ानने क लिए
                         ैं
                  ै
                                                            े
                                                  े
                             े
                   े
          गुप्तकाशी  क  रििे  िाि  बगिाडी  िे      QR code scan करें
   50   51   52   53   54   55   56   57   58   59   60