Page 66 - Mann Ki Baat - Hindi May 2022
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भयारतीय महयाकयाव :
काि और व्ोम से परे
आचख्ुः कियुः कतचत्ंप्रत्ाचक्िे परे
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हजारों क्कलरोमरीरर दूर जापान
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आख्ास्यन्ति िथिान्य इतिहासमममं भक्ि।
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में रहने िाल लरोग, जरो हमाररी भाषा
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नहीं जानिे, जरो हमाररी संस्कति कछ कवियों िे इस मिाकाव् का पिि े
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से अतधक पररतचि नहीं ह, हमाररी पाठ वकया ि। अन्य अब बाूँच रि ि।
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संस्कति क प्रति उनकी थनष्ठा, यह नभन्न कथािाचक भविष्य में भी इसक
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सम्ान, यह आदर िेहद प्रशंसनरीय संदभ दगे।
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ह- आखखर क्कस भारिरीय करो इस पर
मिाि भारतीय मिाकाव् मिाभारत
गि्ट नहीं हरोगा!
से उद्धृत उपरोक् छद में उक्चत िी किा
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गया ि वक पौरारणक कथाओं कती धरोिर
– प्रधानमंत्री नरेन्द् मरोदरी
समय, स्ाि और पीहढ़यों कती सीमाओं
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(‘मन की िाि’ क सम्रोधन में)
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को िांघती ि। कथाए रजिका ि किि
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प्त्क िगन्स क िोगों पर एक समाि असर
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िोता ि, बक्कि जो फिदायक जीिि
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जीिे क मूल्ों और िीवतशास्त् से िमारा
पहरचय कराती ि। ैं
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