Page 70 - Mann Ki Baat - Hindi May 2022
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द महयाभयारत प्रोजेक्ट
                                               े
            भयारतीय महयाकयाव पर रहरोसश कोइक कया नयारकीय ब्ववेचन
                                                                        े
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        साकिवतक  आदाि-प्दाि  और  किा  स  े  प्वतिर हिरोरश कोइक एरशया क एक दश
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        विश्  एकतीकरण  क  प्यास  में,  भारतीय   में,  स्ािीय  किाकारों  और  संगीतकारों
        मिाकाव्  मिाभारत  पर  हिरोरश  कोइक   क  साथ  मिाभारत  क  अंशों  का  मंचि
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        कती  श्ेष्ठ  िारकतीय  रचिा,  साकिवतक   करते  ि।  हिरोरश  कोइकजी  क्ारसकि
                                                 ैं
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        सिवरिया  क  िए  साक्ष्  क  तौर  पर  ि।   और पारम्पहरक एरशयाई प्दशन्सि किाओं
                                      ै
        2011 में प्ख्ात रंगकमवी और समकािीि   कती  पृष्ठभूनम  िाि  किाकारों  को  एक
                                                         े
                                                    ैं
        जापािी  रंगमच  जगत  का  जािा-मािा   साथ िाते ि। मिाकाव् पर आधाहरत यि
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        िाम हिरोरश कोइक सिामी, तोिोक भूकप   रंगमंचीय  प्दशन्सि,  अपिी  मातृभारा  में
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        और फफर फकरशमा कती परमाणु आपदा क    बोििे  िाि  किाकारों  क  कारण  अन्य
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        बाद अपिी मातृभनम क प्वत क्चंवतत थे। इसी   प्दशन्सिों से सिन्सथा अिग फदखता ि। इसक
                                                                        े
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        दौराि िि राष्ट्ीयताओं और भाराओं में बरी   अिािा, गिि कोहरयोग्ाफती से नमि-जुि  े
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                                                                     े
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        दुनिया को एक साथ िािे कती ज़रूरत क   इस  प्दशन्सि  में  जािाई  ित्,  बािी  ित्,
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        प्वत सजग हुए थे। तत्चिात् उन्ोंिे हिरोरश   थाई ित् जैसी संकिवतयों का समन्वय
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        कोइक वरिज प्ाॅजेक्ट कती िींि रखी थी।  विशुद्ध  किात्मक  शैिी  में  फदखता  ि।
                                                                        ै
                                           इसका  िक्ष्  िमारे  समाज  में  विविधता
        भारतीय मिाकाव् मिाभारत को आधार
                                           और  सि-अस्स्तत्व  क  मित्व  को  सबक
                                                                        े
                                                          े
        बिाते  हुए  उन्ोंिे  मित्वाकांक्ी  अखखि-
                                                                  ै
                                           सामिे िािा और यि बतािा ि वक शांवत
        एरशयाई   अंतर-सांकिवतक   नथयेरर
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                                           का प्ारूप कसा िोिा चाहिए।
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        पहरयोजिा कती िींि रखी, जो सौिादपूणन्स
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        सिजीिि  क  िक्ष्  क  प्वत  मािि    भारतीय  मिाकाव्  मिाभारत  िे  गत
        मस्स्तष् कती विनभन्न परतों और अभ्यासों   दो  िज़ार  िरषों  से  एरशया  में  अिेक
        कती यात्ा तय करती ि। ै             िृत्ों,  काव्,  िारकों,  संगीत,  स्ापत्,
                                           क्चत्किा और कठपुतिी खेिों को प्ेहरत
        कम्ोहडया  से  शुरू,  इस  बहु-िावरसिक
                                           वकया ि। ै
                                     ैं
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        पहरयोजिा में भारत, इडोिरशया, थाइिड,
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        मिरशया,  कम्ोहडया  और  जापाि  क
                                                   द िह़ाभ़ारत प्रोजेक्ट की
        अनभिेताओं  और  ितन्सकों  को  शानमि
                                                     ट्िर दिने क लिए
                                                      े
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        कर, दशन्सकों क निए खूबसूरत क्चत्पर में      QR code scan करें
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        भारतीय ‘मिाभारत’ क मूितत्व को पेश
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        वकया गया ि। ै
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