Page 40 - Mann Ki Baat Hindi
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ठिणजटि इकॉनम्री का चिन ज़योर रकड़
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रहा है। इसक माफ़त नागठरकों में UPI
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क ज़ठरए िन-दन की आदत विकणसत
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हयो रह्री है। छयोट-से-छयोट खयोमचे िािों
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कयो भ्री ठिणजटि भुगतान क प्चिन स े
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अगधकागधक ग्राहकों कयो सिा प्दान करन े
की सुविधा लमि्री है। भारत्रीय नागठरकों
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कयो बेहतर कशिस सुविधाए प्दान करन े
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क लिए भारत में कई दफनटक ्टाटअप्स
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की शुरुआत हुई है।
दश में प्वतददन कर्रीब ₹20,000 करयोड़
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का ठिणजटि िनदन हयो रहा ह, णजसस े
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न किि सुविधाओां का विस्ार हुआ
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दश कयो कशिस इकॉनम्री बनाने क ह बक्ल् ईमानदार्री का िातािरण भ्री
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लिए ठिणजटि रेमें्टस का उरययोग करने विकणसत हुआ ह। वित्त्रीय िष 2020-
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21 में UPI क ज़ठरए 9 अरब सांरकह्रीन
की अर्रीि की थ्री। 24 अप्ैि, 2022 कयो
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वाराठरक िन-दन वकए गए णजसका
‘मन की बात’ सम्योधन में उन्ोंने आज
कि मल् ₹6 िाख करयोड़ बैठता ह। िहीं
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क भारत में कशिस इकॉनम्री क उत्ान
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UPI ने बैंकों कयो एट्रीएम और शाखाओां
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और उससे हयोने िाि्री आसान्री का उल्ख
में नगद्री आिश्यकताओां कयो कम करन े
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वकया। उन्ोंने वबना नगद क दश क बड़ े
में मदद की ह णजसक रठरणामस्वरूर
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शहरों से दूर-दराज़ क सुदूर इिाकों की
ग्राहक सुविधाओां और उनक अनुभि
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यात्ा करने िाि युिाओां से जुड़ रयोचक
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में सुधार आया ह। अतरराष्ट्रीय बाज़ारों
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वकस् बताए। सारडरका और प्रेक्ा नामक
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दयो युिवतयों ने वबना नगद िन-दन क
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ददल््री शहर में रूरा ददन गुज़ारा। खाने- “मैं वगक्तगत रूर से ज़ादातर
र्रीने की छयोट्री दुकानों और खयोमचे िािों अिसरों रर कशिस हयोना रसद
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तक यूलनफाइि रेमें्टस इटरफस और करता ह। जैसा वक हमारे र्रीएम न े
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क्आर कयोडस की उरिब्धता दयोनों भ्री अरने ‘मन की बात’ सम्योधन
युिवतयों क लिए अनयोखा अनुभि था। क दरौरान हमसे वबना वकस्री नगद्री
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ऐसे सकारात्क अनुभि किि महानगरों क एक ददन वबताने क लिए कहा
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में ह्री नहीं बक्ल् दश भर में लमिते हैं। था, मुझे िगता ह वक यह आगे का
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रिवोत्तर की यात्ा रर गईं गाणज़याबाद रास्ा ह।”
की अनंददिा तत्पाठरी ने वबना नगद क – ददलरीप िमा्ग
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मेघािय और अरुणाचि प्दश क तिाग छात्, ददल््री
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की यात्ा की। समूचे भारत में कशिस और
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