Page 43 - Mann Ki Baat Hindi
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        में  बहुत  महत्वरण  भलमका  लनभाई  थ्री  और   तर्रीक से आरस में जयोड़ता है – उनक ब्रीच कयोई
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        साथ ह्री सघ तथा राज्य सरकारों क ब्रीच धन   वगक्तगत  सांरक  नहीं  हयोता।  यह  भ्री  सलनलचित
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        क  बटिारे  क  लिए  वित्त  आययोग  की  धारणा   वकया  जाता  है  वक  सिा-प्दाता  कयो  िन-दन
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                                                    े
        द्री  थ्री।  30  ददसबर  2016  कयो  भ्रीम-यर्रीआई   रूरा हयो जाने क बाद ह्री भुगतान लमि। प््री-रेि
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        प्टफॉम  का  शुभारांभ  करते  हुए,  प्धानमत््री   प्णाि्री हयोने क कारण, इसमें सिा-प्दाता कयो
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                                                                    े
        ने  कहा,  ”भ्रीम  विश्व  का  सबसे  बड़ा  आचिय  ्प  भ्री वबना वकस्री वबचरौलिये की ज़रूरत क समय
        बनेगा।“                            से भुगतान हयो जाता है।
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        अगर  अप्ैि  2022  की  बात  करें  तयो  भ्रीम-  उम््रीद  ह  वक
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        यर्रीआई  प्टफॉम  रर  इस  समय  316  बैंक   ई-रुर्री कल्ाण
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        हैं। इसने 9.8 िाख करयोड़ रुरयों क 5.5 अरब   ययोजनाओां   की
        िन-दन वकए हैं और इस तरह प्धानमांत््री क   रूर्री रकम ईमानदार्री से िाभाथमी तक रहुचना
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        शब्ों कयो सच सावबत कर ददया है। अलफ़ाबेट,   सुलनलचित करने िाि्री रिावतकार्री रहि सावबत
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        मेटा,  अमेज़न  और  िािमाट  जैस्री  चयोट्री  की   हयोग्री। इसे ‘मातृ और णशशु’ कल्ाण ययोजनाओां,
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        टक्योिॉज्री  फ़मषों  ने  ऐसे  उत्ाद/एर  बनाए   क्षयरयोग  मुगक्त  काय्परिमों,  आयुष्ान  भारत
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        हैं  जयो  भ्रीम-यर्रीआई  प्णाि्री  क  ज़ठरए  अरन  े  और  प्धानमत््री  जन  आरयोग्य  आदद  ययोजनाओां
        उरययोगकताओां कयो भुगतान करने में मदद कर   क  अतग्पत  लनदान-सेिाओां  क  लिए  दिाओां
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        रह  हैं।  ठिणजटि  भुगतान  की  इस  प्णाि्री  कयो   तथा ररौखष्टक सामग्र्री क भुगतान क लिए तथा
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        अब विश्व भर में प्वतठिा लमि रह्री है। गूगि न  े  उि्परक सस्सिि्री आदद क लिए भ्री अरनाया जा
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        अनुशसा की है वक अमठरकी फिरि ठरज़ि कयो   सकता ह। लनज्री क्षेत् भ्री अरने कम्पचाठरयों क
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        भ्री ठिणजटि भुगतान क लिए ऐस्री ह्री प्णाि्री   कल्ाण और कॉरवोरेट सामाणजक दागयत्व क
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        विकणसत करन्री चाठहए।               कायषों क लिए इसका इस्माि कर सकता ह।  ै
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        यर्रीआई का अरनाया जाना और इसका प्सार   इन  प्टफॉमषों  कयो  ‘इठिया  ्टक’  क  घटकों
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        दश में ठिणजटि िन-दन बढ़ाने क सरकार क   क रूर में बेहतर समझा जा सकता ह। ‘इठिया
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        सकल्प की िजह से सभि हयो सका। यर्रीआई   ्टक’ ऐस्री ठिणजटि साि्पजलनक प्णालियों क
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        रर अब अरबों की सांख्ा में िन-दन हयोता है   समूह का उरनाम ह जयो विशाि जनसख्ा की
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        णजससे अब अन् वित्त्रीय सिाओां क लिए भ्री राह   रहचान,  िटा  और  भुगतान  से  जुड़्री  बुलनयाद्री
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        आसान हयो रह्री है। उदाहरण क तरौर रर – वित्त्रीय   आलथविक जानकार्री क आधार रर काम करत्री
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        सिा  प्णाि्री  क  अनेक  उरययोगकता  िठििंग   ह। हािाांवक इस रठरययोजना क नाम में ‘इठिया’
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        फीचर का उरययोग कर रह हैं।          शब्  ह,  िवकन  इसका  दायरा  एक  दश  तक
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                                           स्रीलमत नहीं ह। इसे विकणसत या विकासश्रीि
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        2 अगस्, 2021 कयो प्धानमत््री मयोद्री ने ‘रसन
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                                           – वकस्री भ्री दश में अरनाया जा सकता ह। दफर
                                                                     ै
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        ट ू   रर्पस’  (person  to  pupose)  विणशष्ट
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                                           भ्री, यह उल्खन्रीय ह वक इस रठरययोजना का
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        ठिणजटि  समाधान  िाि  ई-रूर्री  (e-RUPI)
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                                           स्वरूर सबसे रहि भारत में ह्री बना और भारत
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        ऐर  का  शुभारांभ  वकया।  यह  एक  नगद्री-रठहत
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                                           में ह्री इसे सि्पप्थम अरनाया गया, जहा करयोड़ों
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        और  सांरक-रठहत  ठिणजटि  भुगतान  प्णाि्री
                                           वगक्तयों  और  वाराठरक  इकाइयों  द्ारा  इसे
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        है  णजसमें  विलभन्न  ययोजनाओां  क  िाभालथवियों
                                           तेज़्री से अरनाए जाने से वित्त्रीय और सामाणजक
        क  मयोबाइि  फयोन  में  क्ूआर  कयोि  अथिा
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                                           समरसता रैदा हुई और दश इस इटरनेट युग में
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        एसएमएस सस्ट्ग-आधाठरत ई-िाउचर भेज ददया
                                           प्गवत-रथ रर आगे बढ़ा।
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        जाता है। ई-रुर्री सिा-प्ाययोजकों कयो ठिणजटि
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