Page 37 - Mann Ki Baat Hindi
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        सांस्कवत  महयोत्सि’  में  किा-प्दशनों   अतरराष्ट्रीय  ययोग  ददिस  जैसे  भाि्री
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        और  दशभगक्त  कयो  एक-दूसरे  से  जयोड़ा   आययोजनों से भारत की िलश्वक विरासत
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        गया।  ियोर्री  गाने,  रांगयोि्री  बनाने  और   क  उरहार  का  भव  प्दशन  हयोगा।  इस
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        दशभगक्त  क  ग्रीतों  की  त्रीन  आयामों   िष  स्वतन्त्ता  ददिस  रर  ‘हर  घर  झांिा’
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        िाि्री प्वतययोगगताओां ने बच्ों-बड़ों सभ्री   अलभयान  क  तहत  हर  भारत्रीय  झांिा
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        की  रचनात्क  प्वतभा  कयो  जगा  ददया।   फहराने क लिए प्ेठरत हयोगा और इसस  े
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        इन  प्वतययोगगताओां  में  िगभग  हर  णजि  े  वरछि िष राष्टगान क गायन से बन्री
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        का  ययोगदान  सलनलचित  वकया  गया।   भािना और भ्री प्बि हयोग्री।
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        इन  प्वतययोगगताओां  से  ियोगों  में  हमार्री
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                                           अमृत काि का उल्ख हयोते ह्री दश भगक्त
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        विविधतारण सांस्कवत की खवबयों क बारे
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                                           की  उत्कट  भािना  का  जन्म  हयोता  ह।
        में सांिाद कयो बि लमिा।
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                                           मानन्रीय प्धानमत््री ने कहा ह वक आज़ाद्री
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        131िीं अम्ेिकर जयत्री क ददन प्धानमत््री   क ‘अमृत महयोत्सि’ ने स्वतन्त्ता क 100िें
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        सग्रहािय  का  उद्ाटन  वकया  गया।  इस   िष्प  क  लिए  समृद्ध  भारत  का  माग्प  तय
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        सग्रहािय में हर प्धानमत््री क ययोगदान   कर  ददया  ह।  स्वतन्त्ता  क  100िें  िष्प  में
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        कयो  सम्ालनत  वकया  गया  ह  णजन्ोंने   समृद्ध  भारत  की  बुलनयाद  ‘आत्लनभ्पर
                                                                        े
        अरने  समय  की  चुनरौवतयों  का  सामना   भारत अलभयान’ और आज क युिाओां क
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        वकया  और  दश  की  प्गवत  में  ययोगदान   प्यासों रर ठटकी हयोग्री। इस तरह, हमार्री
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        ददया।                              आखों क सामने ह्री सरदार रटि का ‘एक
                                           भारत श्ेठि भारत’ का सरना साकार हयो
        हमने  एक  साथ  78,220  वतरांगे  फहरा
                                           रहा ह।
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        कर  गगन्रीज़  विश्व  ठरकॉि  बनाया।
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