Page 42 - Mann Ki Baat Hindi
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         भयारत क मज़रूत यूपीआई और टिसजिल क्रयांचत क
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                  दम पर िगदी-मुक्त अथबुव्यवस्या कया उदय


                                           शुरू  करने  और  इसे  सशक्त  बनाने  का  अरना
                                           इरादा  स्पष्ट  कर  ददया  था।  15  अगस्  2014
                                                           े
                                           कयो  स्वतांत्ता  ददिस  क  अिसर  रर  उन्ोंन  े
                                           अरने  भाषण  में  ‘प्धानमत््री  जन  धन  ययोजना’
                                                           ां
                                           (र्रीएमजि्रीिाई)  की  घयोषणा  की।  यह  वित्त्रीय
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                                                                       े
                                           समािेशन का राष्ट्रीय लमशन था णजसका उद्श्य
                                           था वक बैंकों क जमा और सािगध खाते, भुगतान,
                                                    े
                                                                 ूँ
                                           ऋण, ब्रीमा और रेंशन जैस्री सिाए सहजता स  े
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                                           सभ्री  तक  रहुूँच  सक।  इससे  वत्-आयाम्री  जैम
                                                       े
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               नंदन ननलकणरी                (JAM  Trinity)  सिाओां  का  माग  प्शस्  हुआ,
                                           णजसक  अतगत  जन  धन  बैंक  खातों,  आधार
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            सह-सस्ारक, इन्योणसस एिां
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                                           और मयोबाईि नबर कयो जयोड़ा गया और इस तरह
              सिाहकार, एनर्रीस्रीआई
                                                       ृ
                                           विश्व की सबसे उत्कष्ट िाभ हस्ाांतरण प्णाि्री
                                           विकणसत  हुई।  सस्सिि्री  से  िकर  छात्िृगत्तयों
                                                              े
        यह बेहद ख़ुश्री की बात है वक ियोगों क मन म  ें
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                                                                  े
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                                           और वित्त्रीय सहायता तक - जैम सिाए समाज
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                                   े
        वबना नगद्री क ठिणजटि भुगतान करने क प्वत
                                           क सबसे िांगचत िगषों का सहारा बन्री हैं।
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        बड़ा रठरितन आ गया है। 'मन की बात' में अरन  े
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        सन्श में, प्धानमत््री ने ददल््री की दयो यिवतयों   2016 में, प्धानमत््री श््री नरेन्द् मयोद्री ने दश कयो
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                                                                     े
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        क 'कशिस ि आउट' क सांकल्प का                ठिणजटि भुगतान की राह रर आग  े
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        णज़ रि  वकया  णजन्ोंने  ददल््री  में  रूरे   ि  जाने  का  अिसर  दखा।  उन्ोंन  े
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        ददन वबना वकस्री नगद िन-दन क                भुगतान क इटरफस – यलनफ़ाइि
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        घूमने  का  फसिा  लिया।  'कशिस'             रेम्टस  इटरफस  (UPI)  में  बहुत
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        िन-दन अब किि बड़ शहरों तक                   ददिचस्प्री ि्री णजसे नेशनि रेमेंट
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        स्रीलमत नहीं है। 'मन की बात' क उस्री       कॉरवोरेशन  ऑफ  इठिया  (NPCI)
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        प्सांग में प्धानमत््री ने रिवोत्तर भारत    द्ारा  विकणसत  वकया  जा  रहा  था।
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        की यात्ा रर अरने रवत क साथ गईं एक मठहिा   यर्रीआई  ऐस्री  प्णाि्री  है  णजससे  (वकस्री  भ्री
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        क अनुभिों क बारे में भ्री बताया। अनेक ददन क   सहभाग्री  बैंक  क)  अनेक  बैंक  खातों  कयो  एक
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                                                     े
        प्िास क दरौरान, उन् दूर-दराज़ क इिाकों म  ें  ह्री मयोबाइि एस्कप्कशन में समाठहत वकया जा
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        भ्री कहीं नगद धन लनकािने की ज़रुरत नहीं   सकता है और अनेक तरह की बवक िं ग सुविधाए  ूँ
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        रड़्री। इन दयोनों उदाहरणों से रता चिता है वक   हाणसि की जा सकत्री हैं।
        वरछि कछ िषषों में ठिणजटि िन-दन में भार्री
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                                           प्धानमत््री ने यर्रीआई क विकास रर सज्रीदग्री
                                                                    ां
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        िृद्द्ध  हुई  है  जयो  दश  की  अथ्पविस्ा  क  लिए
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                                           से नज़र रख्री और इसका नाम ‘भ्रीम’ (BHIM
        िास्ि में उत्साहजनक बात है।
                                                  ां
                                           – भारत इटरफस फॉर मन्री) रखा। यह बाबा
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        प्धानमत््री  का  रदभार  ग्रहण  करने  क  तुरांत   साहब भ्रीमराि अम्ेिकर कयो सच््री श्द्धाांजलि
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        बाद  ह्री,  श््री  नरेन्द्  मयोद्री  ने  ठिणजटि  भुगतान   थ्री णजन्ोंने भारत्रीय ठरज़ि बैंक की स्ारना
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