Page 41 - Mann Ki Baat Hindi
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म UPI की सुविधा कयो सुचारू बनाने क
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लिए नेशनि रेम्टस काररयोरेशन ऑफ
प्ररयािमंत्ी कया आह्याि
इठिया (NPCI) ने अरने अतरराष्ट्रीय
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“णजन जगहों रर कछ साि रहि े
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अध्रीनस् ‘NPCI International’ का
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तक इटरनेट की अच््री सुविधा भ्री
शुभारम्भ वकया ह। ै
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नहीं थ्री, िहा भ्री अब UPI से रेमेंट
UPI णस्टम ने एक नेशनि ओरन ्टिि ्प
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की सुविधा मरौजूद ह। सागठरका,
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स्ावरत वकया ह णजसे 200 से अगधक
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प्ेक्षा और आनांददता क अनुभिों
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भारत्रीय बैंक अरना चुक ह। इसक लनत
कयो दखते हुए मैं आरसे भ्री आग्रह
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विस्ार में ‘आत्लनभ्पर भारत’ की ददशा
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करूगा वक ‘कशिस ि आऊट’ का
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में भारत का रक्ा इरादा और लनरन्र
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एक्सरठरमेंट करक दखें, ज़रुर
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प्यास ददखते ह। दश क वित्त्रीय रठरदृश्य
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करें। मैं चाहगा वक अगर आरक
कयो बदिने क अिािा, अरन्री तरह क
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रास भ्री ठिणजटि रेमेंट और ्टाट-
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इस एकमात् प्यास ने हर िग्प क ियोगों क
अर इकयोणस्टम की इस ताकत
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ज्रीिन कयो रठरिवतवित वकया ह। अब समय
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आ गया ह वक हम कशिस इकॉनम्री कयो से जुड़ अनुभि ह तयो उन् साझा
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अगि चरण रर रहुचाने की ओर कदम कठरए। आरक अनुभि दूसरे कई
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उठाए और भारत की बढ़त्री अथ्पविस्ा और दशिाणसयों क लिए प्ेरणा बन
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में सहययोग दकर प्धानमत््री क सरने कयो सकते ह।”
साकार करें।
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