Page 35 - Mann Ki Baat - Hindi May 2022
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भी प्दाि करता ि। िनक्त पहरिारों को स्वयं सिायता समूिों िे ग्ामीण महििाओं
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कवर और गैर-कवर दोिों क्त्ों में आय को ि किि आजीविका खोजिे में बक्कि
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सृजि गवतविक्धया शुरू करिे क निए उद्यमी बििे और अपिा खुद का व्िसाय
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क्मता निमान्सण और तकिीकती सिायता चिािे में भी मदद कती ि। जैसे-जैसे दश
भी प्दाि कती जाती ि। ै में ‘िोकि फॉर िोकि’ को बढ़ािा नमि
रिा ि, स्वयं सिायता समूिों द्ारा उत्ाफदत
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सरकार, दीिदयाि अंत्ोदय योजिा-
उत्ादों कती माग िर साि बढ़ रिी ि। आज,
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राष्ट्ीय ग्ामीण आजीविका नमशि
ये समूि जीईएम (सरकारी ई-माकर)
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क अिािा, स्वयं सिायता समूिों कती
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का िाभ उठा रि ि, जिा िे अपिे उत्ादों
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महििाओं को सशक् बिािे क निए
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को सीधे सरकारी संगठिों, मंत्ाियों और
अवतहरक् वित्तीय सिायता प्दाि कर रिी
विभागों को बेचिे में सक्म ि। भारतीय
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ि। मुद्रा योजिा क अंतगन्सत, प्त्क स्वयं
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विमािपत्ति प्ाक्धकरण िे अपिे क्ेत् क
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सिायता समूि कती एक महििा सदस्
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स्व-निनमसित उत्ादों कती वबरिती/प्दशन्सि क
को अपिा व्िसाय शुरू करिे या बढ़ािे
निए अपिे ििाई अड्ों पर स्वयं सिायता
क निए 1 िाख रुपये तक का ऋण फदया
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समूि को स्ाि आिहरत करिे क निए
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जाता ि। एिीएसएआर (क्ेत् क कशि कारीगरों
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