Page 41 - Mann Ki Baat - Hindi May 2022
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                                                                       े
        चंदाजी को समस्त ग्ाम पंचायतों में पिचािी   महििाओं  क  जीिि  में  कई  तरि  क
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             ैं
                                      े
        जाती ि। यिाूँ तक वक गाूँि िाि चंदाजी क   पहरितन्सि आए ि। “मिे दखा ि वक समि
                                                            े
                                                         ैं
                                                      ैं
                                                                      ू
                                                                ै
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        घर को उिक िाम से जाििे िगे ि। ैं   से  जड़िे  से  पिि  जो  महििाए  घर  स  े
                                                                  ूँ
                                                        े
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        अन्य ग्ामों में स्वयं सिायता समि बिािे   बािर  ििीं  निकिती  थीं,  िे  अब  अपि  े
                                                     े
               न्स
        का  काय  िो  या  अपिे  ग्ाम  कती  सभी   काम करिे क निए विनभन्न कायान्सियों
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                                                                   ैं
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        महििाओं को ऐसे समिों से जोड़िे का—  में,  बैंकों  में  अकिी  जािे  िगी  ि।  अब
                                      ैं
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        चंदाजी ये सभी काय बखूबी निभा रिी ि।   उिकती रझझक दूर िो गई तथा महििाए  ूँ
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        उन्ोंिे ग्ामों में वकसािों को संगहठत कर   जागरूक िोकर आगे बढ़ रिीं ि। विनभन्न
        रशिोिम एफपीओ का गठि वकया रजसम  ें  प्कार  कती  आजीविका  गवतविक्धयों  स  े
        वकसािों द्ारा डायरेक्टर क रूप में चंदाजी   जड़कर  मज़दूर  से  मानिक  बि  रिी  ि,  ैं
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        को चिा गया।                        स्वयं  अवतहरक्  आय  प्ाप्त  कर  रिी  ि  ैं
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        चंदाजी  का  माििा  ि  वक  स्वयं  सिायता   और अपिे पहरिार को आनथसिक सिायता
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                                                          ैं
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        समिों  से  जड़िे  क  पचिात  ग्ाम  कती   दिे में सक्म िो गई ि।”
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