Page 15 - Mann Ki Baat Hindi
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यान्री, एक क आगे 62 शन्, णसक्सट्री ट ू
ज़्रीरयो। हम इतन्री बड़्री सख्ा की कल्पना
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भ्री ददमाग में करते ह तयो मस्ककिि हयोत्री ह, ै
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िवकन, भारत्रीय गणणत में इनका प्ययोग
हजारों सािों से हयोता आ रहा ह। अभ्री कछ
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ददन रहि मुझसे इटि करन्री क स्रीईओ
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लमि थे। उन्ोंने मुझे एक रठट िं ग द्री थ्री
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उसमें भ्री िामन अितार क जठरए गणना
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या मार की ऐस्री ह्री एक भारत्रीय रद्धवत
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का गचत्ण वकया गया था। इटि का नाम
आया तयो कप्टर आरक ददमाग में अरन े
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आर आ गया हयोगा। कप्टर की भाषा म ें
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आरने बाइनर्री णस्टम क बारे में भ्री सुना
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हयोगा, िवकन, क्ा आरकयो रता ह, वक
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हमारे दश में आचाय वरिंगिा जैसे ऋवष हुए श््री भारि्री कष्ण ि्रीथ ज्री महाराज
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थे, णजन्ोंने, बाइनर्री की कल्पना की थ्री।
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साथ भ्री जुड़ रह ह। ये साथ्री ह कयोिकाता क
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इस्री तरह, आयभट्ट से िकर रामानुजन
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गरौरि टकर्रीिाि ज्री। और ियो वरछि दयो-
जैसे गणणतज्ों तक गणणत क वकतने ह्री
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ढाई दशक से िैददक मैथेमठटक्स क इस
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णसद्धान्ों रर हमारे यहा काम हुआ ह। ै
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मिमेंट कयो बड़ समवरवित भाि से आगे बढ़ा
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सानरयो, हम भारत्रीयों क लिए गणणत रह ह। आईये, उनसे ह्री कछ बातें करते ह। ैं
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कभ्री मुस्ककिि विषय नहीं रहा, इसका
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मोदरीजरी – गरौरि ज्री नमस् !
एक बड़ा कारण हमार्री िैददक गणणत भ्री
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ह। आधुलनक काि में िैददक गणणत का रौरि – नमस् सर !
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श्य जाता ह – श््री भारत्री कष्ण त्रीथ्प ज्री मोदरीजरी – मैंने सुना ह वक आर िैददक
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महाराज कयो। उन्ोंने किकिशन क मैथस क लिए काफी रूगच रखते ह, बहुत
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प्ाच्रीन तर्रीकों कयो ठरिाइि वकया और उसे कछ करते ह। तयो रहि मैं आरक विषय
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िैददक गणणत नाम ददया। िैददक गणणत में कछ जानना चाहगा और बाद में इस
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की सबसे खास बात ये थ्री वक इसक विषय में आरकी रूगच कसे बढ़ीं, जरा मुझे
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ज़ठरए आर कठठन से कठठन गणनाए ूँ बताइये ?
रिक झरकते ह्री मन में ह्री कर सकते ह।
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रौरि – सर मैं ब्रीस साि रहि जब
आज-कि तयो सयोशि म्रीठिया रर िैददक
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वबजनेस स्कि क लिए अप्ाई कर रहा
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गणणत स्रीखने और णसखाने िाि ऐसे कई
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था तयो उसका कर्रीठटठटि एग्ाम हयोता
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युिाओां क ि्रीठिययोज़ भ्री आरने दखे होंगे।
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था णजसका नाम CAT ह। उसमें बहुत सारे
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सानरयो, आज ‘मन की बात’ में िैददक गणणत क सिाि आते थे। णजसकयो कम
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गणणत णसखाने िाि एक ऐसे ह्री साथ्री हमारे समय में करना रड़ता था। तयो मेर्री मा न े
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