Page 12 - Mann Ki Baat Hindi
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अथात, सांसार में जि ह्री हर एक ज्रीि
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क ज्रीिन का आधार ह और जि ह्री
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सबसे बड़ा सांसाधन भ्री ह, इस्रीलिए तयो
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हमारे रिजों ने जि सांरक्षण क लिए
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इतना ज़योर ददया। िेदों से िकर रुराणों
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तक, हर जगह रान्री बचाने कयो, तािाब,
सरयोिर आदद बनिाने कयो, मनुष्य का
सामाणजक और आध्ास्कत्क कत्पव
बताया गया ह। िाल्म्रीवक रामायण म ें
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जि-स्योतों कयो जयोड़ने रर, जि सांरक्षण
रर, विशेष ज़योर ददया गया ह। इस्री तरह,
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इवतहास क ्ट ू ि्टस जानते होंगे, णसन्-
सरस्वत्री और हड़प्ा सभ्यता क दरौरान
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जल संरक्षण क नलए हड़प्ा सभ्यिा (धोलाि्रीरा)
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भ्री भारत में रान्री कयो िकर वकतन्री
की इज्रीननयररंग
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विकणसत इज्रीलनयठरिंग हयोत्री थ्री। प्ाच्रीन
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काि में कई शहर में जि-स्योतों का से अिग-अिग समाज, अिग-अिग
आरस में इटरकनेक्क् ि णस्टम हयोता प्यास िगातार करते आए ह। जैस े
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था और ये ियो समय था, जब, जनसांख्ा
उतन्री नहीं थ्री, प्ाकवतक सांसाधनों
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की विल्त भ्री नहीं थ्री, एक प्कार
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से विरिता थ्री। दफर भ्री, जि सरक्षण
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कयो िकर तब जागरूकता बहुत ज़ादा
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थ्री। िवकन, आज स्स्वत इसक उिट ह।
मेरा आर सभ्री से आग्रह ह, आर अरन े
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इिाक क ऐसे रुराने तािाबों, कओां और
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सरयोिरों क बारे में जानें। अमृत सरयोिर
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अलभयान की िजह से जि सांरक्षण क
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साथ-साथ आरक इिाक की रहचान
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भ्री बनेग्री। इससे शहरों में, मयोहल्ों में,
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स्ान्रीय रयटन क स्ि भ्री विकणसत
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होंगे, ियोगों कयो घूमने-दफरने की भ्री
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एक जगह लमिग्री।
सानरयो, जि से जुड़ा हर प्यास हमारे
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कि से जुड़ा ह। इसमें रूरे समाज की
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णज़म्दार्री हयोत्री ह। इसक लिए सददयों
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