Page 20 - Mann Ki Baat Hindi
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अद्त भयारतीय िंग्रहयालय
                           ु


                                                           े
                    राष्टीय विरासत क दर्पण



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               े
                  दश क नलए यह रौरि की बाि       प्रियदर्शन इप्िहास कठ में,
           ै
          ह  क्क  आज़ादरी  का  अमृि  महोत्सि     आज ध्वननि हो काव्य बने।
          एक  जन-आन्ोलन  का  रूप  ल  े
                                                 वि्शमान की चित्रपटी पर,
              ै
          रहा ह। इतिहास को लकर लोरों की
                          े
                                                 भूिकाल सम्ाव्य बने।
          ददलचस्री काफी बढ़ रहरी ह और ऐसे
                              ै
          में परीएम म्ूमज़ यम यभुिाओं क नलए
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                                                              े
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          भरी आकष्गण का कन्द् बन रहा ह जो   इवतहास  और  ित्पमान  क  साथ  भविष्य
                                                     े
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          दश  की  अनमोल  क्िरासि  से  उन्  ें  क  लनमा्पण  क  बारे  में  प्णसद्ध  कवि  श््री
          जोड़ रहा ह। ै                     रामधार्री णसिंह ददनकर की इन रांगक्तयों कयो
                                                 ां
                                           प्धानमत््री नरेन्द् मयोद्री ने 14 अप्ैि, 2022
                                                                     ां
                – प्रधानमंत्री श्ररी नरेन्द् मोदरी  कयो िॉ. ब्री. आर. अम्ेिकर की जयत्री रर
                                                            ां
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           (‘मन की बाि’ क अपने सम्ोधन म)   नई  ददल््री  में  प्धानमत््री  सग्रहािय  का
                                           शुभारम्भ करते समय उद्धृत वकया था।
                                           दश अरन्री आज़ाद्री क 75 िष्प कयो ‘अमृत
                                                           े
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           “प्धानमत््री   सग्रहािय   दश    महयोत्सि’  क  रूर  में  मना  रहा  ह।  इसका
                        ां
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                                           उद्श्य नए भारत की यात्ा में बलिदान और
           क  सभ्री  प्धानमांवत्यों  कयो
            े
                                           दशभगक्त की भािना कयो स्मरण करने में
                                            े
           समवरवित  ह  जहाां  उनका  ज्रीिन
                   ै
                                           ियोगों  की  भाग्रीदार्री  सुलनलचित  करना  ह।
                                                                        ै
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           और  राष्ट-लनमाण  में  उनका
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                                           दश भर में विलभन्न साांस्कवतक काय्परिमों
                                                             ृ
           ययोगदान  प्दणशवित  वकया  गया
                                                      े
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                                           क  आययोजन  क  साथ,  ‘अमृत  महयोत्सि’
            ै
                             ां
           ह।  इस  तरह,  यह  सग्रहािय
                                                                        े
                                           एक  ’जनयोत्सि’  का  रूर  ि  रहा  ह।  दश
                                                               े
                                                                     ै
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           दश  में  राजन्रीवतक  मान्ता  क
                                           की आज़ाद्री क लिए अरन्री आखख़र्री सास
                                                                        ूँ
                                                     े
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           ियोकतत््रीकरण  क  प्धानमत््री
                ां
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                                                       े
                                           तक  िड़ने  िाि  स्वतांत्ता  सेनालनयों  क
                                                                        े
           मयोद्री  क  सांकल्प  कयो  प्स्त
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                                           बारे में जानने में ियोगों की ददिचस्प्री बढ़
                  ै
           करता  ह।”                       रह्री ह। इस्री कड़्री में प्धानमत््री सग्रहािय
                                                               ां
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                                                          े
                       – श्ररी नृपेन्द् ममश्र  स्वतांत्ता  क  बाद  दश  की  अखांिता  और
                                                                   े
                              अध्क्ष       समृद्द्ध  में  ययोगदान  करने  िाि  नेताओां
                                            े
                                           क एक स्मारक क रूर में शालमि वकया
                                                        े
           एनएमएमएि काय्पकार्री रठरषद
                                           गया ह।
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