Page 13 - Mann Ki Baat Hindi
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        वक,  ‘कच्  क  रण’  की  एक  जनजावत   जड़री  बड़री  से  बड़री  चनौतियों  का  समाधान
                                                                   े
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        ‘मािधार्री’ जि सांरक्षण क लिए ‘िृदास’   हो  सकिा  ह।  आइए,  आज़ादरी  क  अमि
                                                                        ृ
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        नाम  का  तर्रीका  इस्माि  करत्री  ह।   महोत्सि में हम जल-संरक्ण और जरीिन-
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        इसक तहत छयोट कए बनाए जाते ह और     संरक्ण का संकल् ल। हम बँद-बँद जल
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        उसक बचाि क लिए आस-रास रेड़-ररौध  े  बचाएरे और हर एक जरीिन बचाएरे।
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        िगाए जाते ह। इस्री तरह मध् प्दश की
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        भ्रीि जनजावत ने अरन्री एक ऐवतहाणसक
                                           मेरे प्यारे दशवयासियो,
                                                     े
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        ररम्परा ‘हिमा’ कयो जि सरक्षण क लिए
        इस्माि वकया। इस ररम्परा क अन्गत    आरने दखा हयोगा वक कछ ददन रहि मैंने
                                                                     े
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        इस  जनजावत  क  ियोग  रान्री  से  जुड़्री   अरने युिा दयोस्ों से, ्ट ू िन््टस से ‘रर्रीक्षा
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        समस्ाओां का उराय ढूूँढने क लिए एक   रर चचा्प’ की थ्री। इस चचा्प क दरौरान कछ
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        जगह रर एकवत्त हयोते ह। हिमा ररम्परा   ्ट ू िन््टस  ने  कहा  वक  उन्  एग्ाम  में
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        से लमि सुझािों की िजह से इस क्षेत् म  ें  गणणत से िर िगता ह। इस्री तरह की बात
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        रान्री का सांकट कम हुआ ह और भू-जि   कई विद्ालथवियों ने मुझे अरने सदश में भ्री
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                                                                   े
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        स्र भ्री बढ़ रहा ह। ै               भेज्री थ्री। उस समय ह्री मैंने ये तय वकया
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        सानरयो,  ऐसे  हरी  किव्य  का  भाि  अरर   था  वक  गणणत  रर  मैं  इस  बार  क  ‘मन
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        सबक मन में आ जाए, िो जल संकट स  े  की बात’ में ज़रुर चचा्प करुगा। सालथययो,
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