Page 21 - Mann Ki Baat Hindi
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भारत की मरौजूदा सग्रहािय विरासत क अनुभि का विस्ार करते ह। उनक
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में िगभग 1,000 सग्रहािय ह जयो अनुसार, सग्रहािय नई र्रीढ़्री कयो अरने
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किात्क, साांस्कवतक, ऐवतहाणसक और इवतहास कयो समझने और रहि की र्रीढ़्री
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िैज्ालनक महत्व की किाकवतयों क क ययोगदान क बारे में जानने क लिए एक
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सग्रह और सरक्षण क लिए काम कर रह े माध्म क रूर में काय्प करते ह। प्धानमत््री
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ह। िाक ठटकटों से िकर िैज्ालनक खयोजों क अनुसार, “हमारे युिा स्वतांत् भारत की
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तक, गुठड़याे से िकर णसनेमा तक, दर्पण प्मुख घटनाओां क बारे में णजतना अगधक
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से िकर रेििे तक, भारत की समृद्ध
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विरासत दश भर में स्स्त इन सग्रहाियों
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“प्धानमत््री ज्री की ह्री कल्पना
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में जनता क दखने क लिए उरिब्ध ह।
थ्री वक एक ऐस्री जगह बनाई जा
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इवतहास क विलभन्न प्सगों और काि
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सक। यहा (प्धानमत््री सग्रहािय
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कयो अनुभि करने में सग्रहािय आगतुकों
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में) राजनवतक प्वतद्दद् ताओां
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कयो अरने लक्षवतज का विस्ार करने में
कयो अिग रखते हुए सभ्री
सक्षम बनाते ह। िास्ि में, ये अत्रीत की
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प्धानमांवत्यों कयो (एक छत क
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घटनाओां की नींि रर लनलमवित ित्पमान की
न्रीचे) जयोड़ा गया है, चाह अिग
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सस्ाए ह जयो भविष्य क लिए एक मशाि
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विचारधाराए रह्री हों। णजनकी जयो
लिए हुए ह। ैं
विचारधारा थ्री, िह्री दशाई गई है,
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सग्रहािय ज्ान प्ाप्प् का सिवोत्तम ज़ठरया
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ये बहुत बड़्री बात है।”
ह। ये दश की किा, सांस्कवत, विज्ान,
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प्रौद्योगगकी और इसकी समग्र प्गवत की – नरीरज शेखर (एमपरी)
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समृद्ध विरासत क प्वत जागरूकता कयो रि्प प्धानमत््री
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बढ़ािा दते ह। प्धानमत््री नरेन्द् मयोद्री स्वगमीय श््री चद्रशेखर क रत्
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का मानना ह वक सग्रहािय युिा र्रीढ़्री
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