Page 23 - Mann Ki Baat Hindi
P. 23

े
                                   ां
        जानेंगे,  उनक  लनण्पय  उतने  ह्री  प्ासगगक
                                                                 े
                                                            े
                                                    ां
                    े
        होंगे।” युिाओां क ब्रीच ज्ान और उत्सुकता   “यह  सग्रहािय  दश  क  सभ्री
        की  इस  यात्ा  कयो  एक  प्ारस्म्भ क  वबिंदु   प्धानमांवत्यों  द्ारा  प्दान  वकए
                                                                  ्प
        प्दान करने क लिए, प्धानमत््री ने अरने   गए  नेतृत्व  और  राष्ट  लनमाण  की
                              ां
                   े
                                                             ू
                                                        े
        ‘मन की बात’ सम्योधन में श्योताओां से कई   ददशा  में  उनक  सामठहक  प्यासों
                                                                   ै
                                              े
               े
        प्श्न रूछ। उन्ोंने उनसे अरने उत्तर NaMo   क  प्वत  सम्ान  का  प्त्रीक  ह।  यह
                                                   ां
        App  या  सयोशि  म्रीठिया  क  माध्म  से   प्धानमत््री  श््री  मयोद्री  थे,  णजन्ोंन  े
                             े
                                                            े
                        े
        #MuseumQuiz  क  साथ  साझा  करने      सभ्री  प्धानमांवत्यों  क  ययोगदान  कयो
                                                        े
        क लिए भ्री कहा।                      प्दणशवित करने क लिए इस प्कार का
         े
                                             सग्रहािय बनाने का विचार रखा।”
                                               ां
        ‘सबका प्यास’ की भािना कयो ध्ान म  ें
                                                           – ए. सूय्ग प्रकाश
                       ां
                           ां
        रखते  हुए,  प्धानमत््री  सग्रहािय  हमारे
                                                  उराध्क्ष, काय्पकार्री रठरषद,
        प्धानमांवत्यों  की  विरासत  कयो  प्दणशवित
                                                   एनएमएमएि, नई ददल््री
        करता ह और दश कयो उसक गरौरिशाि्री
                             े
              ै
                    े
           ्प
                                 े
        ितमान तक रहुचाने में भारत क सभ्री
                     ूँ
                                                       ां
        प्धानमांवत्यों क ययोगदान कयो सम्ालनत   आर  जैसे  ह्री  सग्रहािय  में  प्िेश  करत  े
                    े
                                              े
                                                  े
                                                                        े
                                            ैं
                               ां
        करने  कीे  मानन्रीय  प्धानमत््री  नरेन्द्   ह, दश क सभ्री प्धानमांवत्यों कयो उनक
                                                         े
                                              ां
        मयोद्री की रठरकल्पना कयो साकार करता   रसद्रीदा उद्धरणों क साथ प्दणशवित करन  े
                                                     ां
                                                         ै
                             े
        ह।  यह  सग्रहािय  दुलनया  क  सबसे  बड़  े  िाि्री  एक  िब्री  गिर्री  आरका  स्वागत
               ां
         ै
                                                                        े
                                                               ्प
                                                 ै
                       े
                   े
        ियोकताांवत्क दश क नागठरकों द्ारा चुन  े  करत्री  ह।  एक  और  आकषण  जयोड़ने  क
                   े
        गए  नेताओां  क  नेतृत्व,  दूरदणशविता  और   लिए,  छत  से  िटकते  कई  गत्ात्क
                            ु
                   े
        उरिसब्धयों  क  बारे  में  यिा  र्रीढ़्री  कयो   एिईि्री द्रीरक किात्क रूर से िगाए
                                               ैं
        सांिेदनश्रीि बनाने और प्ेठरत करने का   गए ह जयो भारत का िहराता ध्वज बनात  े
                                                           े
                                                      ां
                                                                        े
                                            ैं
        एक समािेश्री प्यास ह। ै            ह।  एक  आगतुक-कसन्द्त  मॉिि  क
                                       20
   18   19   20   21   22   23   24   25   26   27   28