Page 32 - Mann Ki Baat Hindi
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दरौरान घटनाओां क आकिन में सतिन उनक साथ टहिने का ि्रीठिययो ि सकत े
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सलनलचित करना बहुत महत्वरण ह। ह। यहा एक आभास्री हि्रीकॉप्र भ्री ह ै
कायकार्री रठरषद और सामग्र्री सम्रीक्षा जयो आगांतुकों कयो दश में बने सबसे ऊच े
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सलमवत, णजसका गठन कायकार्री रठरषद रिों तथा सुरांगों और सयोिर राकषों तथा
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क अध्क्ष, श्ररी नृपेंद्र ममश्र ने वकया था, दश में लनययोणजत भविष्य क शहरों जैस े
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क सदस्ों ने प्त्क गिर्री में टच अन् प्मुख तकन्रीकी रठरकल्पनाओां
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्रिीन प्स्ुवतया क लिए ि्रीठिययो तथा की एआर में सैर कराता ह और दशकों
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टक्स् कयो अांवतम स्वरूर दते हुए लनष्क्ष कयो मांत्मुग्ध कर दता ह। सांग्रहािय का
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और िस्ुलनठि हयोने की आिश्यकता यह खांि, द्रीघाओां क अिािा, इस बात
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रर िगातार ध्ान कसन्द्त वकया। अब का प्माण ह वक खुद कयो स्रीलमत सयोच
तक सांग्रहािय का दरौरा करने िाि े से मुक्त करने की आिश्यकता क बारे
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विचारश्रीि दशकों की प्वतवरिया दखें तयो में श््री मयोद्री की सिाह कयो गांभ्रीरता स े
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यह प्वरिया णजसमें प्ारस्म्भ क मसरौदों म ें लिया गया ह। ै
कई सशयोधन करने रड़, उरययोग्री रह्री।
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प्धानमत््री सांग्रहािय और अन्
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सग्रहािय, मानि प्यास क हर क्षेत् में सग्रहाियों में कई अतर हैं :
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1947 से भारत क विकास कयो प्दणशवित
हमारे बचरन क ददनों में हमारे माता-
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करता ह और प्गवत हाणसि करने क
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वरता या स्कि क णशक्षक हमें सग्रहािय
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कठठन प्यासों की कहान्री बताता ह।
दखने ि जाते थे। साधारण सग्रहािय में
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हािाांवक अभ्री बहुत कछ करना बाकी ह, ै
हम जल्द ह्री ऊब जाते ह और िारस आना
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िवकन हमारे दयो रड़योस्री दशों द्ारा हम रर
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चाहते ह या बाकी भ्रीड़ क साथ बस एक
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थयोरे गए युद्धों सठहत कई समस्ाओां क
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से दूसर्री गैिर्री तक जाते ह। दूसर्री तरफ
बािजूद हाणसि की गई प्गवत, खुश हयोने
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प्धानमत््री सग्रहािय न किि अिग ह ै
का कारण ह। ै
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बक्ल् प्भािशाि्री रूर से अिग ह। यदद
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प्धानमत््री ने सग्रहािय का उद्ाटन बच् और युिा इस सग्रहािय में जाऍ ां गे,
करते हुए कहा वक यह अरने में उतना तयो उन् ज़रूर मज़ा आएगा, यह हयो ह्री
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भविष्य सांजयोए हुए ह, णजतना वक अत्रीत। नहीं सकता वक उन् यह अरुगचकर िगे।
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िे न किि प्त्क गिर्री में मल््री-टच, इसक अिािा यह सग्रहािय उन् घटों
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मल््री-्रिीन अनुभि का उल्ख कर िहा रुकने क लिए वििश कर दगा और
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रह थे, बक्ल् सग्रहािय क अनुभवत खांि रूर्री सभािना ह वक अनुरक्षकों कयो उन् ें
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का भ्री णज़ रि कर रह थे, जयो अत्ाधलनक
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बाहर लनकािना रड़गा।
ह और हयोियोग्राम, िचअि ठरयलिट्री,
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इसलिए, ददल््री की अरन्री अगि्री यात्ा
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ऑगमेंटि ठरयलिट्री क साथ बहुत
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रर करया सुलनलचित करें वक प्धानमत््री
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मनमयोहक भ्री ह। यह एक ऐस्री जगह ह ै
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जहा आगांतुक दश क 15 प्धानमांवत्यों म ें सग्रहािय आरक यात्ा काय्परिम में
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से वकस्री क भ्री साथ सेल्ी ि सकते ह या सबसे ऊरर रह। े
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