Page 46 - Mann Ki Baat Hindi
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           छोि दुकयािदयार और खोमचे वयाल: कशलि क्रयांचत की तयाकत
                                                भु
        अरने  ‘मन  की  बात’  सम्योधन  म  ें  और सरमक्ि माध्यम ह।" युिा उरययोगकता्प
                                                           ै
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                                 ै
        प्धानमत््री ने कहा वक भारत एक कशिस   यूर्रीआई भुगतानों क विहार कयो बढ़ािा
                                                          े
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        अथ्पविस्ा में बदि रहा ह। उन्ोंने अक्सर   दने  क  लिए  सरकार  क  प्यासों  और
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        नागठरकों से भुगतान क ठिणजटि तर्रीकों   प्धानमत््री क नागठरकों कयो कशिस हयोने
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                                 ै
        का उरययोग करने की अर्रीि की ह। भारत   क आह्ान की भ्री सराहना कर रह ह। ैं
                                                                    े
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                               ्प
        ठिणजटि भुगतान क क्षेत् में श्रीष दशों में स  े
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                                 े
                                           ठिणजटि  भुगतान  ने  खुि  बदिाि  की
                                                               े
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        एक ह और रेहड़्री िाि और स्ान्रीय बाजारों
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                                           गचिंता  वकए  वबना  वारार  कयो  आसान
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        क  छयोट  वारार्री  इस  िृद्द्ध  में  एक  प्मुख
                                           बनाने  कयो  बढ़ािा  ददया  ह।  इस  रर
                                                                 ै
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        उत्परक रह ह।
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                  ैं
                                                     े
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                                           प्धानमत््री  क  विचारों  क  अनुरूर  आज
                                                              ै
                                 ु
        िूरिश्यन  छोट  िुकानिारों,  फटपाथ   क  युिाओां  कयो  िगता  ह  वक  ियोगों  कयो
                                            े
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                                                े
        तिक्िाओं और ग्राहकों, तिशेषकर युिाओं   कशिस  िनदन  क  उरययोग  रर  अगधक
        िक पहुुँचा, जजन्ोंने यूप्रीआई भुगिान क   जयोर दना चाठहए। इससे भरौवतक धन खयोने
                                      े
                                               े
        नलए अपन्री प्ाथनमकिा दिखाई।        का कयोई िर नहीं ह। ै
                                                             ै
                                                                        े
                        ै

        एक छात् का कहना ह, "यूपरीआई भभुरिान   छात्, जयो वक भारत की कशिस यात्ा क
                                                                 े
        का िररीका लनदन करने का एक आसान     मख्  ठहस्दार  ह,  यर्रीआई  कयो  सुरलक्षत
                                                           ू
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                                                         और    सुविधाजनक
                                                         मानते ह। एक विद्ाथमी
                                                               ैं
                                                                    ै
                                                         का  कहना  ह,  “मैं
                                                         डिमजटल भभुरिान को
                                                          े
                                                         लनदन करने का एक
                                                             े
                                                         आसान  और  सरमक्ि
                                                                     भु
                                                         माध्यम  मानिा  ह।
                                                                        ँ
                                                                        ँ
                                                          ू
                                                          ं
                                                         चक्क  मैं  एक  छात्  ह,
                                                         इसनलए मेरे नलए बड़री
                                                         रामश  का  भभुरिान
                                                         डिमजटल और सरमक्ि
                                                                     भु
                                                         िररीक से करना बहुि
                                                             े
                                                                    ै
                                                         सभुक्िधाजनक ह।”
                                                         दूसरे  शहर  से  आए
                                                                       ु
                                                         एक   प्िास्री   यिा
                                                            ्प
                                                         कमचार्री  ने  अरना
                                                         अनुभि साझा वकया–
                                       43
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