Page 27 - Mann Ki Baat Hindi
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        हुआ ह। इस्री तरह से उनकी थयोड़्री स्री बचत,
        ईमानदार्री और सादग्री कयो ददखात्री उनकी
                                 ां
        रयो्ट ऑदफस की रासबुक भ्री सग्रहािय
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                                ां
        में रख्री ह। श््री मयोरारज्री दसाई गाध्रीज्री क
        नेतृत्व में स्वाध्रीनता आांदयोिन में शालमि
                  े
        हयोने  से  रहि  कई  िषषों  तक  गुजरात  म  ें
                े
        ठिप््री  किक्र  थे।  श््री  चरण  णसिंह  की
        ज़मींदार्री उन्मूिन में गहर्री रुगच थ्री और
        उन्ोंने  इस  विषय  रर  एक  महत्वरण  ्प
                                     ू
        रस्क  भ्री  लिख्री  जयो  सग्रहािय  में  रख्री
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        ह। इस्री तरह, बहुत से ियोगों कयो रता नहीं
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        ह वक श््री चन्द्शेखर ने ‘भारत यात्ा’ नाम
        से  कन्ाकमार्री  से  िकर  ददल््री  तक
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        सुद्रीघ रदयात्ा की थ्री। 6 जनिर्री से 25
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        जून,  1983  क  दरौरान,  िह  कर्रीब  4,260
        वकियोम्रीटर रैदि चि थे।
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                                           सलनलचित  की।  इस  कहान्री  में  दश  की
                             ां
        जैसा  वक  मानन्रीय  प्धानमत््री  ने  अरन  े
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                                                                े
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                                           यिा  र्रीढ़्री  क  लिए  एक  सदश  ह–  भारत
                                                                   ै
                                     ां
        उद्ाटन  भाषण  में  कहा  था,  प्धानमत््री
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                                           कयो  नया  भारत  बनाने  क  लिए  हमें  नए
        सग्रहािय  स्वतन्त्ता  क  बाद  क  प्त्क
                                     े
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                                           लक्षवतजों रर विजय रान्री हयोग्री। सांग्रहािय
                                      ै
        प्धानमत््री  क  लिए  सच््री  श्द्धाांजलि  ह।
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                                           समाज  क  सभ्री  िगषों  क  लिए  प्रणा  का
                                                            े
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        वरछि  75  िष  हमारे  सामठहक  प्यासों
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                                           महान  स्योत  णसद्ध  हयोगा  –  खास  तरौर  रर
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                              ैं
        क  इवतहास कयो वक्त करते ह और भारत
                                                               ां
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                                           यिाओां  क  लिए  णजनक  कधों  रर  मुख्
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        क  ियोकतन्त्  की  रचनात्क  सफिता
                                           रूर से दश क भविष्य का भार हयोगा।  इस
                                                    े
                                                 े
        क  सशक्त  प्माण  ह।  हमारे  अगधकतर
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                                                 ां
                                           तरह,  सग्रहािय  अत्रीत  और  भविष्य  क
                                                                        े
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              ां
        प्धानमत््री  मामि्री  रठरिारों  से  आए  थ  े
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                                           ब्रीच एक सांरक-सत् ह। ै
        क्ोंवक  ियोकतन्त्  क  द्ार  सभ्री  क  लिए
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        खि ह। प्त्क प्धानमत््री ने स्वतन्त्ता क   प्धानमत््री  सग्रहािय  दश  क  सभ्री
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                                                                   े
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        बाद  दश  क  विकास,  सामाणजक  सद्ाि   प्धानमांवत्यों  कयो  समवरवित  ह  जहा  उनका
                                                                    ां
                                                                ै
        और  आलथविक  सशक्तीकरण  की  यात्ा  म  ें  ज्रीिन  और  राष्ट-लनमाण  में  उनका
                                                              ्प
        ययोगदान  ददया।  सग्रहािय  उन  गाथाओां   ययोगदान प्दणशवित वकया गया ह। इस तरह,
                      ां
                                                                 ै
        कयो बताता ह वक कसे हमारे प्धानमांवत्यों   यह सांग्रहािय दश में राजन्रीवतक मान्ता
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                                                      े
        ने  विलभन्न  चुनरौवतयों  क  ब्रीच  राष्ट  कयो   क ियोकतत््रीकरण क प्धानमत््री मयोद्री क
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                                                                        े
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        आगे बढ़ाया और दश की सिाांग्रीण प्गवत   सकल्प कयो प्स्त करता  ह। ै
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