Page 30 - Mann Ki Baat Hindi
P. 30
प्ररयािमंत्ी िंग्रहयालय
- मयागबुदशबुक सिद्यान्त
े
े
दश क सभ्री प्धानमांवत्यों द्ारा वकए गए
नेतृत्व और राष्ट लनमा्पण की ददशा में
े
उनक सामूठहक प्यासों क प्वत सम्ान
े
का प्त्रीक ह। ै
एक प्कार से, सग्रहािय की रठरकल्पना
ां
ैं
और विषय दशा्पते ह वक इसकी स्ारना
े
े
से एक झटक में विणशष्टता क युग कयो
ै
समाप् कर ददया गया ह और समािेशन
कीे ियोकताांवत्क अिधारणा कयो िागू
ए. सूय्ग प्रकाश
े
कर, 1947 क बाद से सभ्री प्धानमांवत्यों
उराध्क्ष, काय्पकार्री रठरषद, क ययोगदान कयो समुगचत और रया्पप्
े
एनएमएमएि, नई ददल््री स्व्रीकवत द्री गई ह। ै
ृ
ां
ु
े
सग्रहािय क सबध में कछ बातों का णज़रि
ां
ां
ां
प्धानमत््री श््री नरेन्द् मयोद्री ने अरने ’मन
अिश्य वकया जाना चाठहए। सबसे रहि,
े
ां
ां
की बात’ क अप्ैि सस्करण में प्धानमत््री
े
ां
प्धानमत््री श््री मयोद्री ह्री थे, णजन्ोंने सभ्री
ां
सग्रहािय की विलभन्न द्रीघा्पओां में प्दणशवित
े
प्धानमांवत्यों क ययोगदान कयो प्दणशवित
े
रुगचकर विषयों क बारे में बात की और
ां
करने क लिए इस प्कार का सग्रहािय
े
े
े
े
ियोगों कयो दश क प्धानमांवत्यों क बारे
बनाने का विचार रखा। इसक अिािा,
े
े
में अगधक जानकार्री प्ाप् करने क
ु
ां
नेहरू स्मारक सग्रहािय और रस्कािय
ां
लिए इस सग्रहािय में जाने की सिाह
सयोसाइट्री क अध्क्ष क रूर में, प्धानमत््री
े
े
ां
ां
द्री। प्धानमत््री द्ारा इस सग्रहािय की
ां
े
ने इसकी काय्पकार्री रठरषद क सदस्ों
े
ां
प्शसा लनलचित रूर से इस सस्ान क
ां
क साथ बातच्रीत की और सग्रहािय
ां
े
प्वत ददिचस्प्री रैदा करेग्री। नई ददल््री
की सामग्र्री क बारे में सुझाि ददए। इस
े
ां
में त्रीन मूवतवि रठरसर कीे एक प्वतद्ठित
े
रठरययोजना क लनष्ादन का काम इस्री
इमारत में स्स्त यह सग्रहािय, भारत क
ां
े
रठरषद कयो सौंरा गया था। इस संिाद ने
ां
आधुलनकतम सग्रहाियों में से एक ह। ै
संग्रहालय क ननमा्गण क नलए मार्गदश्गक
े
े
ां
ां
इस सग्रहािय का उद्ाटन प्धानमत््री ने मसद्ान्त प्रदान क्कए। पहला मसद्ान्त
ां
14 अप्ैि कयो वकया था। यह सग्रहािय यह था वक सभ्री प्धानमांवत्यों द्ारा शुरू
27