Page 57 - Mann Ki Baat Hindi
P. 57

े
                          ैं
        रर  काम  कर  रह  ह।  बलबरीर  मसंह   एक आह्ान मजसने एक अरब
                              भु
        सरीचिाल,  पोपटराि  बारजरी  पिार,
            े
                                           लोरों को प्रेडरि क्कया
         े
                             े
        ित्स  नाकामभुरा,  बसिरी  दिरी  ि  अन्
                         ं
            भु
                                                      े
        कई ियोगों कयो वरछि आठ िषषों में रद्म   माच्प  2022  क  अरने  ‘मन  की  बात’
                         े
                                           सम्योधन में, प्धानमत््री श््री नरेन्द् मयोद्री ने
                                                          ां
        रुरस्कारों से सम्ालनत वकया गया ह। ै
                                           नागठरकों से आह्ान वकया- “... हर णजि  े
        ऐस्री  ह्री  एक  प्रणादायक  मठहिा  ह,  ैं
                     े
                                           में कम से कम 75 अमृत सरयोिर बनाए जा
        उत्तराखांि क वरथरौरागढ़ की रहने िाि्री
                 े
                                                 ैं
                                           सकते ह। कछ रुराने सरयोिरों कयो सुधारा
                                                   ु
               े
           ां
        बसत्री  दि्री,  जयो  एक  रया्पिरणविद  ह,  ैं
                                                    ै
                                                      ु
                                           जा सकता ह, कछ नए सरयोिर बनाए जा
            ें
        णजन्  रद्मश््री  रुरस्कार  से  सम्ालनत
                                           सकते ह। मुझे विशिास ह, आर इस ददशा
                                                              ै
                                                 ैं
        वकया गया ह। कयोस्री नद्री कयो सूखने स  े
                  ै
                                           में कछ ना कछ प्यास ज़रूर करेंगे।” इस
                                              ु
                                                    ु
        बचाने  का  उनका  अथक  प्यास  सभ्री
                                            ां
                                           सकल्प ने दश भर में कई ियोगों कयो प्ेठरत
                                                    े
                         ै
        क लिए एक प्ेरणा ह। कयोस्री नद्री कयो
         े
                                           वकया। ऐसा ह्री एक उदाहरण उत्तर प्दश
                                                                        े
                           े
        दफर  से  ज्रीवित  करने  क  लिए  उन्ोंन  े  क  रामरुर  की  ग्राम  रांचायत  रटिई  क
                                            े
                                                                        े
        जागरूकता  अलभयान  चिाया।  िह       नागठरकों  का  ह,  णजन्ोंने  अरने  सयुक्त
                                                       ै
                                                                      ां
        िन  विभाग  तथा  गाूँि  की  मठहिाओां   प्यासों  से  एक  रुराने  तािाब  कयो  अमृत
        कयो  एक  साथ  िक  आईं  णजन्ोंने  रुनः   सरयोिर  में  बदि  ददया।  इस  गाूँि  का
                     े
                       े
        िनरयोरण  क  प्यासों  में  एक-दूसरे  का   तािाब,  जयो  रहि  गदग्री  और  कचरे  क
                 े
                                                                        े
                                                          ां
                                                        े
                       ्प
        सहययोग वकया। िष 2016 में उन् भारत   ढर से भरा हुआ था, उसे रांचायत, स्ान्रीय
                                 ें
                                            े
                    े
        में मठहिाओां क लिए सिवोच् रुरस्कार   ियोगों और सबसे महत्वरण्प- स्कि्री बच्ों
                                                                  ू
                                                             ू
        'नार्री  शगक्त  रुरस्कार'  से  सम्ालनत   क प्यासों से कछ ह्री हफ्ों में कायाकल्प
                                                      ु
                                            े
        वकया गया था।                       कर रुनजमीवित कर ददया गया। यह अमृत
                                       54
   52   53   54   55   56   57   58   59   60   61   62