Page 60 - Mann Ki Baat Hindi
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पयािी की तरह चलयायमयाि ह रिंती दवी
                                                 ैं
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        जि ह तयो ज्रीिन ह। जि क वबना ज्रीिन   रुनः  िनरयोरण  शुरू  वकया।  हम  अरन्री
        नहीं  हयोगा,  भूलम  बजर  हयो  जाएग्री  और   एसयोणसएशन  कयो  मज़बूत  करने  क  लिए
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                                                                    े
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        मानिजावत  ज्रीवित  नहीं  रहग्री।  जि  ह्री   गाूँि-गाूँि  गए।  हाथों  में  मा  कयोस्री  का
                                                                ूँ
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        ज्रीिन ह। ै                        जि िकर हम 15 ददन रैदि चि। सब ने
                                           कहा, “मा, आज तक तुमने हमें णज़िंदा रखा,
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        मैंने िगभग 17-18 िष्प रहि 'जि, जगि,
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                                           िवकन अब से हम तुम् ज्रीवित रखेंगे।”
        जम्रीन' की शुरुआत की थ्री। कयोस्री नद्री
                                                               ै
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        सूख रह्री थ्री और जगि कट रह थे। एक   आज नद्री में भररूर रान्री ह। मैं जब कयोस्री
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        ददन रास् में मुझे कछ मठहिाए लमिीं जयो   नद्री में रान्री बहता दखत्री ह तयो मुझे बहुत
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        जगि काटने जा रह्री थीं। मैंने उनसे रूछा,   अच्ा िगता ह।
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        “आर रेड़ क्ों काटते हयो?” उन्ोंने कहा,   जब  मैं  बाििाड़्री  में  काम  करत्री  थ्री,  तयो
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        “किि हम ह्री नहीं रेड़ काटते, गाूँि में हर   मुझे किि 50 रुरये प्वत माह लमिते थे,
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        कयोई ऐसा करता ह।”                  णजसमें मैं अरन्री आज्रीविका चिात्री थ्री,
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        मैंने कहा, “अगर आर मेरा साथ दगे,  तयो मैं   िवकन आज सरकार ने मुझे मेरे काय्प क
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        आरका साथ दूग्री। हम एक एसयोणसएशन   लिए रद्मश््री से सम्ालनत वकया ह। ै
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        बनाएगे  और  िनों  कयो  बचाएगे।”  जल्द   मैं रान्री की तरह चिायमान रहग्री और
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                                                                   ां
        ह्री  सभ्री  मेरे  साथ  आ  गए  और  हमने   हमेशा रान्री की सेिा करत्री रहग्री।
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