Page 69 - Mann Ki Baat Hindi
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ू
               े
        लनदान क लिए िैददक गणणत महत्वरण  ्प
                                             गौरव िकरीवयाल - वैसश्क
                                                     े
        उरकरण सावबत हयो सकता ह। ै
                                                       े
                                             स्र पर ल जया रह ह वैददक
                                                                ैं
                                                              े
        अरने  िर  कयो  दूर  करने  क  लिए  एक
                             े
        बार में एक कदम उठाना कारगर रहता        गणित की कवरयाित को
         ै
        ह। गणणत की दुलनया में अनेक भारत्रीय
                                                    े
                                           श््री  गरौरि  टकर्रीिाि  एक  िैददक  गणणत
        महारुरुषों  क  अतल्  ययोगदान  क  बाद,
                                  े
                      ु
                  े
                                                   ैं
                                           विशेषज्  ह,  जयो  इस  प्ाच्रीन  विरासत  कयो
                             ु
        भारत  कयो  इस  क्षेत्  में  मस्ककिि  नहीं
                                           2  दशकों  से  अगधक  समय  से  ियोकवप्य
        हयोन्री चाठहए। इसक लिए, यिा र्रीढ़्री कयो
                             ु
                      े
                                                                  े
                                           बनाने की ददशा में काम कर रह ह। अरने
                                                                    ैं
                             ां
        रारम्पठरक  भारत्रीय  ज्ानगगा  में  िु बकी
                                           सगठन,  िैददक  मैथस  फयोरम  इठिया  क
                                            ां
                                                                        े
                                                                   ां
        िगाकर, गणणत से जुड़्री हर रयोचक विगध
                                           माध्म से, िह सन् 2000 से विश्व स्र रर
        कयो स्रीखना चाठहए। मानन्रीय प्धानमत््री
                                     ां
                                           िैददक गणणत कयो बढ़ािा द रह ह। िह 24
                                                                   ैं
                                                                 े
                                                               े
        ने  अरना  यह  सांकल्प  साझा  वकया  और
                                                                े
                                           घट की ऑनिाइन सुविधा क माध्म से
                                            ां
                                             े
                           ै
        अब विद्ालथवियों की बार्री ह वक िह िैददक
                                           दुलनया भर क छात्ों क लिए इस प्ाच्रीन
                                                     े
                                                            े
        गणणत क णसद्धान्ों क ज़ठरए गणणत कयो
               े
                         े
                                                                  े
                                           भारत्रीय ज्ान का प्सार कर रह ह। ैं
                 े
        रयोचक तर्रीक से स्रीखें और इस भारत्रीय
                      े
        धरयोहर कयो आगे ि जाऍ ां ।          िह  ज्रीिन  में  बहुत  रहि  समझ  गए  थे
                                                              े
                                           वक गणणत का िर हर वकस्री कयो सताता
                                           ह,  इसलिए  छात्ों  कयो  सरि  गणणत  की
                                            ै
         प्ररयािमंत्ी कया आह्याि
                                           तुिना  में  गणना  करने  की  क्षमता  में
         “िैददक  गणणत  से  आर  बड़्री-बड़्री   1500 फीसद्री िृद्द्ध क लिए िैददक गणणत
                                                          े
         साइठटदफक  प्ाब्लम्स  भ्री  साेल्व  कर   से रठरगचत कराया जाना चाठहए।
            ां
         सकते ह। मैं चाहगा, सभ्री माता-वरता
                ैं
                      ूँ
                                                             ां
                                                        े
                                           अरन्री स्ारना क उररात ह्री यह सस्ान
                                                                     ां
         अरने  बच्ों  कयो  िैददक  गणणत  ज़रुर
                                                         ृ
                                           स्वाम्री श््री भारत्री कष्ण त्रीथ्प ज्री महाराज
              ूँ
         णसखाए।  इससे  उनका  कॉस्कन्िस  तयो
                                 ें
                                                   े
                                                                        े
                                           क कायषों क आधार रर िैददक गणणत क
                                            े
         बढ़गा ह्री, उनक ब्न की एनालिठटकि
                      े
            े
                    े
                                           विचार  कयो  फिाने  और  दुलनया  भर  में
                                                     ै
         रािर  भ्री  बढ़ग्री  और  हा,  गणणत  कयो
                            ूँ
                   े
                                                                        े
                                            ां
                                                       े
                                           सख्ात्कता  क  मानकों  कयो  बढ़ाने  क
               ु
         िकर कछ बच्ों में जयो भ्री थयोड़ा बहुत
           े
                                           लिए  काय्पशािाओां,  िाता्प  और  प्स्ुवतयों
                 ै
         िर हयोता ह, िह िर भ्री रूर्री तरह समाप्
                                                           े
                                           का  आययोजन  कर  रह  ह।  िैददक  गणणत
                                                             ैं
         हयो जाएगा।”
                                           फयोरम  एक  छात्  की  गछर्री  क्षमता  कयो
                                           बढ़ािा दने और उसकी मानणसक क्षमताओां
                                                 े
                                                           े
                                                                      ै
                                           कयो विकणसत करने क लमशन रर ह, इस
                                                                  े
                                           प्कार हाई स्प्रीि िैददक गणणत क माध्म
                                           से  गणणत  क  िर  कयो  समाप्  वकया  जा
                                                    े
                                                 ै
                                                              ां
                                           सकता ह। उन्ोंने अरने सगठन में िैददक
                                                 े
                                           गणणत क साथ ययोग की शुरुआत भ्री की
                                       66
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