Page 64 - Mann Ki Baat Hindi
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भयारत की प्रयाचीि सशक्या पद्चत


                         े
            गणित क कटठि िवयालों को रियाए िरल


                                           भारत  समृद्ध  इवतहास,  ररम्पराओां  और
                                    े
                       े
               रणणि को लकर पूररी दभुननया क
                                                        े
                                                               ै
                                              ृ
                                           सांस्कवतयों  का  दश  रहा  ह।  यहाूँ  दुलनया
          नलए सबसे ज़ादा शोध और योरदान
                                                         ु
                                                                     ै
                                           की सबसे अगधक यिा आबाद्री भ्री ह। इस
                े
                                    ै
          भारि  क  लोरों  ने  हरी  िो  ददया  ह।
                                           कारण  हमार्री  णज़ म्दार्री  बनत्री  ह  वक
                                                                      ै
                                                           े
          आय्गभटि  से  लकर  रामानजन  जैसे
                     े
                              भु
                                               ु
                                                       े
                                           हम यिा र्रीढ़्री क मन में भारत्रीय धरयोहर
                            े
          रणणिज्ों  िक  रणणि  क  क्किने  हरी
                                                                   े
                                           और यहाूँ की अनरम सांस्कवत क बारे म  ें
                                                        ु
                                                               ृ
          मसद्ान्तों  पर  हमारे  यहाँ  काम  हुआ
                                                               े
                                            ु
                                           कतूहि रैदा करें, णजससे दश की भविष्य
          ह।  सानरयो,  हम  भारिरीयों  क  नलए
           ै
                                े
                                                                     े
                                           यिा शगक्त कयो नई ददशा लमि सक, जयो
                                            ु
                      भु
          रणणि  कभरी  मश्किल  क्िषय  नहीं
                                           नए  भारत  की  उज्ज्ि  उम््रीद  सर्रीख्री
          रहा,  इसका  एक  बड़ा  कारण  हमाररी
                                           हयोग्री।
          िैददक रणणि भरी ह। ै
                                           आगाम्री  स्कि्री  रर्रीक्षाओां  कयो  ध्ान  में
                                                    ू
                                                                ां
                – प्रधानमंत्री श्ररी नरेन्द् मोदरी  रखते हुए, मानन्रीय प्धानमत््री श््री नरेन्द्
                                                            े
          (‘मन की बाि’ क अपने सम्ोधन म)    मयोद्री ने ‘मन की बात’ क अरने सम्योधन
                                    ें
                      े
                                           में  णशक्षा  क  एक  ऐसे  विषय  रर  प्काश
                                                   े
                                           िािा  जयो  सदा  से  युिाओां  की  गचन्ा  का
                                           कन्द्  रहा  ह—गणणत  का  विषय।  हाि  ह्री
                                            े
                                                    ै
                                           में  हुई  'रर्रीक्षा  रे  चचा्प  २०२२'  क  दरौरान
                                                                   े
                                                    े
                                                                      ें
                                           विद्ालथवियों क साथ िाता्पिार में उन् यह
                                           महसूस  हुआ  वक  अनेक  युिा  विद्ाथमी

                              े
          “मन  की  बात  में  लमि  प्ार,
                                                  े
                                           गणणत  क  विषय  से  िरते  ह।  प्धानमत््री
                                                                       ां
                                                                ैं
                         ्प
                             े
          सम्ान  और  समथन  क  लिए  म  ैं
                                               ै
                                           कयो हरान्री हुई वक युिा गणणत से भयभ्रीत
                        ां
          मानन्रीय  प्धानमत््री  का  आभार्री
                                                ैं
                                           रहते  ह,  जबवक  यह  एक  ऐसा  विषय  ह  ै
          ह!  भारत  में  आज  िैददक  गणणत
           ूँ
                                           णजसमें  भारत्रीयों  की  नैसगगविक  रैठ  हयोन्री
          समुदाय उत्साठहत ह और हम भारत
                         ै
                                                             े
                                           चाठहए, क्ोंवक गणणत क क्षेत् में अनेक
          कयो  विश्व  की  गणणत  राजधान्री
                                                                  ां
                                                    े
                                           भारत्रीयों  क  ययोगदान  वक िं िदवतयों  की
          बनाने का प्यास कर रह ह!”
                             े
                               ैं
                                           तरह याद वकए जाते ह। इस्रीलिए युिा र्रीढ़्री
                                                          ैं
                      – रौरि टकररीिाल      कयो  भारत्रीय  गणणत  क  समृद्ध  इवतहास
                             े
                                                            े
                       सस्ारक अध्क्ष,      और गणणत कयो खेि-खेि में आसान्री से
                        ां
                 िैददक मैथस फयोरम इठिया    स्रीखने की युगक्तयों से अिगत कराने की
                                 ां
                                           आिश्यकता ह। ै
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