Page 66 - Mann Ki Baat Hindi
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                                                           े
        की प्णसद्ध इक्शन, ब्हाण्ड में विज्ान   िहीं,  प्ाच्रीन  भारत  क  िेदान्  दश्पन  में
                                              ां
        का  हर  एक  रहिू  गणणत  से  सम्न्   अनत (infinity) का उद्ि और उसकी
        रखता  ह।  "Theory  of  Everything"   अिधारणा का प्वतरादन और अलभवगक्त
               ै
            ्प
                                                  ै
        (सितत्व  णसद्धान्)  कयो  ध्ान  में  रखत  े  लमित्री  ह।  आम  बयोिचाि  में  जब  हम
        हुए िैज्ालनक आज ऐसे एकि णसद्धान्   अकों की बात करते ह तयो हम िाख, करयोड़
                                            ां
                                                           ैं
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        कयो  प्वतस्ावरत  करने  क  प्यास  में  ह,  ैं  और अरब तक सयोच राते ह, ररांतु िेदों और
                                                              ैं
                                   ु
        जयो  ब्हाण्ड  में  मरौजूद  हरेक  िस्  कयो   भारत्रीय गणणत में यह ययोग कहीं आगे तक
                         े
        वाख्ागयत  कर  सक।  शन्  क  वबना    जाता ह। अनत और शून् क रूर में प्ाच्रीन
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                                 े
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                                                ै
        यह प्यास भ्री असम्भि हयोता। ऐसा कहा   भारत्रीय  गणणत  क  ऐवतहाणसक  ययोगदान
                                                        े
        जाता ह वक हमारे ऋवषयों ने गणणत की   कयो िलश्वक स्व्रीकायता लमि्री है और इसन  े
              ै
                                                         ्प
                                               ै
        सहायता  से  ह्री  िैज्ालनक  समझ  क  ऐस  े  मानि सभ्यता की प्गवत में बेहद महत्वरूण  ्प
                                  े
        विस्ार की कल्पना की थ्री।          भलमका  लनभाई  है।  आधलनक  गणणत,  जयो
                                                             ु
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                                              वक  बरगद  क  िृक्ष  की  तरह  तेज़्री  स  े
                                                        े
                                               ै
                                              फि रहा है, उसकी जड़ों में भारत स  े
                                                                 े
                                              उरजे  अनत  और  शन्  क  णसद्धान्
                                                             ू
                                                     ां
                                              लनठहत हैं। प्ाच्रीन भारत में जयो प्गवत
                                              हुई िह हमार्री गणणत्रीय तरौर रर जागृत
                                              सांस्कवत कयो दशात्री है।
                                                  ृ
                                                          ्प
                                              भारिरीय रणणि की क्िभूतिया ँ
                                              मानन्रीय  प्धानमत््री  मयोद्री  ने  अरन  े
                                                           ां
                                              'मन  की  बात'  सम्योधन  में  इटि
                                                                      ां
                                                                       े
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                                              क  स्री.ई.ओ  श्ररी  पैट  जैल्संरर  के
                                                             ु
                                              साथ  अरन्री  एक  मिाकात  का  भ्री
                                                           ु
                                                                   े
                                              उल्ख  वकया।  मिाकात  क  दरौरान
                                                  े
                                              श््री  जैलल्सिंगर  ने  उन्  एक  गचत्  भेंट
                                                              ें
                                              वकया  था  णजसमें  ‘‘िामन  अितार
                                                          ु
                                              (भगिान  विष्ण  क  10  अितारों  म  ें
                                                            े
                                                  ूँ
                                              से  राचिें  अितार)  द्ारा  गणना  या
                                                                     े
                                              मारन  की  भारत्रीय  रद्धवत’’  क  बारे
                                                                        े
                                              में बताया गया था। यह प्धानमत््री क
                                                                     ां
                                                    ्प
                                              लिए गि का अिसर था। आगे उन्ोंन  े
                                                   ू
                                                                  े
                                              कम्प्टरों  और  गणणत  क  रयोचक
                                              आरस्री  सबध  रर  भ्री  प्काश  िािा।
                                                      ां
                                                       ां
                                              हमारे  दश  में  गणणत  क  इवतहास  म  ें
                                                    े
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                                              आचाय  वरिंगिा  जैसे  महान  ऋवषयों
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