Page 68 - Mann Ki Baat Hindi
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कयोिकाता क िैददक गणणत
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अध्ारक श्ररी रौरि टकररीिाल
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क साथ बातच्रीत की। दयो
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दशकों की कड़्री मेहनत क बाद
श््री टकर्रीिाि ने ना किि
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भारत्रीय छात्ों कयो बक्ल्
दुलनया क दूरस् कयोनों तक इस
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विद्ा का प्सार वकया ह। ै
एक और िैददक गणणत
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विशेषज् भ्री प्शसा क रात् हैं
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जयो रच््रीस िषषों से अध्ारकों
कयो प्णशक्षण दने और बलनयाद्री
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गणणत कयो सरि बनाते हुए,
िैददक गणणत कयो आमजन
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क लनकट िाने में जुट हुए
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ह। इनका नाम ह श्ररी मकल
अग्रिाल। ख़ास तरौर से रेशिर
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सस्ानों एि मर्रीन उद्योग क
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लिए श््री अग्रिाि ने अनेक
अध्ारक प्णशक्षण काय्परिम
वकए ह, इस दरौरान उनका
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णसद्धान् रहा ह ‘विद्ाथमी कभ्री
असफि नहीं हयोता, बक्ल्
अध्ारक असफि हयोता ह।’
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यह जगजाठहर ह वक गणणत
कयो आसान्री से जठटि स े
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सरि बनाया जा सकता ह।
इसलिए मानन्रीय प्धानमत््री
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ने प्णशक्षालथवियों और उनक
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अलभभािकों से आह्ान वकया
वक िे अरने बच्ों कयो िैददक गणणत क
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णसद्धान्ों से अिगत कराए और दफर दख ें
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वक कसे उनकी वि श्ष्णात्क क्षमता म ें
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गौरव टकरीवाल से जानें असाधारण िृद्द्ध हयोत्री ह। इतना ह्री नहीं,
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वैददक गणिि क बारे में,
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‘गणणत भय’ से लनरटने और उसक स्ाई
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